कंप्यूटर से तेज वीणा वादिनी स्कूल के बच्चे! दोनों हाथों से लिखते पांच भाषाएं!

Date:

Share post:

कंप्यूटर से तेज वीणा वादिनी स्कूल के बच्चे!

दोनों हाथों से एक साथ लिखते हैं पांच भाषाएं!

Veena Vadini Public School children’s are faster than computer keyboard, can Write five languages together with both hands.
समाज विकास संवाद!
सिंगरौली

कंप्यूटर से तेज वीणा वादिनी स्कूल के बच्चे, दोनों हाथों से लिखते पांच भाषाएं!

दोनों हाथों से एक साथ लिखने का हुनर…। यह किसी जादूगर की कला नहीं,

बल्कि मध्य प्रदेश के सिंगरौली जिले के छोटे से गांव बुधेला में 100 बच्चों के रोजमर्रा का काम है।

यहां के वीणा वादिनी पब्लिक स्कूल में छात्र इस विधा में इतने निपुण हो चुके हैं कि कंप्यूटर

के की-बोर्ड से भी तेज रफ्तार से उनकी कलम चलती है, जिस काम को सामान्य बच्चे आधे घंटे

में पूरा कर पाते हैं, उसे ये बच्चे मिनटों में निबटा देते हैं। लगातार अभ्यास से बच्चे इतने

कुशल हो चुके हैं कि दोनों हाथ से एक साथ लिखकर हैरत में डाल देते हैं।

यही नहीं, वे पांच भाषाओं (हिंदी, अंग्रेजी, उर्दू, स्पेनिश, संस्कृत) में यह करिश्मा कर दिखाते हैं।

छात्र इस हुनर को हैरी पॉटर वाला जादू का नाम देते हैं। इस निजी स्कूल की नींव यहीं के

निवासी वीरंगद शर्मा ने एक रोचक सोच के साथ आठ जुलाई 1999 को रखी थी।

इससे कुछ हफ्ते पहले वीरंगद जबलपुर में सेना का प्रशिक्षण ले रहे थे। वह बताते हैं

एक दिन जबलपुर रेलवे स्टेशन पर एक पुस्तक में मैंने पढ़ा कि देश के पहले राष्ट्रपति

डॉ. राजेंद्र प्रसाद दोनों हाथों से लिखते थे।

 

कंप्यूटर से भी तेज ”वीणा वादिनी स्कूल” के बच्चे!

ऐसा कैसे हो सकता है, इस जिज्ञासा ने और खोजबीन करने की प्रेरणा दी।

यह विचार इतना पुख्ता हुआ कि कुछ दिनों में सेना का प्रशिक्षण छोड़ दिया।

खोजने पर उन्हें पता चला कि प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय में छात्र औसतन

प्रतिदिन 32000 शब्द लिखने की क्षमता रखते थे। इस पर पहले भरोसा करना कठिन था,

लेकिन इतिहास खंगाला, तो कई जगह इसका उल्लेख मिला।

बस इसी सोच के साथ स्कूल की नींव पड़ी। वीरंगद ने देश के इतिहास की बात को

वर्तमान में सार्थक करने की ठान ली है। इससे पहले खुद दोनों हाथों से लिखने का प्रयास किया,

लेकिन खास सफलता नहीं मिली। बच्चों पर प्रयोग आजमाया गया। बच्चे सीखने में अव्वल निकले।

इसी से सीख लेकर बच्चों की लेखन क्षमता बढ़ाने का प्रयास शुरू किया।

कंप्यूटर से तेज ”वीणा वादिनी स्कूल” के बच्चे!

 

कंप्यूटर से तेज ”वीणा वादिनी स्कूल” के बच्चे! एक मिनट में दो भाषाओं के 250 शब्दों का अनुवाद कर देते!

अब आलम यह है कि 11 घंटे में बच्चे 24 हजार शब्द तक लिख लेते हैं।

हालांकि यह गति एक प्रतियोगिता के दौरान हासिल हुई। सीखने-सिखाने के इस काम के

दौरान वीरंगद ने एलएलबी की पढ़ाई भी पूरी कर ली। 43 साल के वीरंगद बताते हैं कि यह

एक साधना की तरह है।

ध्यान, योग, दृढ़ संकल्प होकर लक्ष्य पाया जा सकता है। इसलिए स्कूल में ध्यान और

योग भी करीब डेढ़ घंटे तक रोज सिखाया जाता है। दोनों हाथों से एक साथ लिखने से याद

रखने की क्षमता बढ़ती है।

दिमाग तेज होता है और सबसे बड़ी बात समय की बचत होती है। इसी का परिणाम है

कि बच्चे एक से 100 तक की गिनती उर्दू में 45 सेकंड में, एक मिनट में रोमन में,

एक मिनट में देवनागरी लिपि में लिख लेते हैं। एक मिनट में दो भाषाओं के 250 शब्दों का

अनुवाद कर देते हैं। एक मिनट में 17 तक का पहाड़ा लिख लेते हैं।

एक हाथ दो का पहाड़ा लिखते हैं, तो वहीं दूसरा हाथ तीन का। फिर पहला हाथ चार,

तो दूसरा हाथ पांच का पहाड़ा लिखना शुरू कर देता है। वीरंगद के मुताबिक उन्हें डर था

कि शायद अभिभावक इसे फितूर समझकर बच्चों को स्कूल भेजना बंद न कर दें। स्कूल में

पहले साल महज 13 बच्चों ने प्रवेश लिया। कंप्यूटर से भी तेज ”वीणा वादिनी स्कूल” के बच्चे ,

 

वीणा वादिनी स्कूल ! माध्यमिक शिक्षा मंडल से मान्यता प्राप्त इस स्कूल!

उन्हीं से शुरू हुआ यह सफर अब नए मुकाम की ओर है। मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल

से मान्यता प्राप्त इस स्कूल में कक्षा एक से आठ तक की पढ़ाई होती है। वर्तमान में 170 बच्चे हैं।

उनमें से करीब 100 दोनों हाथों से लिखते हैं। शुरुआती कक्षाओं में बच्चों को इसके लिए

प्रशिक्षित किया जाता है।

स्कूल प्राकृतिक वातावरण में पेड़ के नीचे भी लगता है। कक्षाओं में भी जमीन पर बैठकर

पढ़ाई होती है। स्कूल में आठवीं तक पढ़ाई करने वाले दिलीप कुमार शर्मा और रीता शाह

अब कॉलेज की पढ़ाई खत्म करने के बाद दिल्ली में रहकर यूपीएससी की तैयारी कर रहे हैं।

वे जब भी छुट्टियों में आते हैं, तो स्कूल आकर बच्चों को प्रेरित जरूर करते हैं।

स्कूल में वीरंगद सहित नौ शिक्षक हैं। उनकी पत्नी, बड़े भाई और एक भतीजा भी स्कूल

में ही शिक्षक के रूप में सेवाएं देते हैं। सभी इस विधा में बच्चों को प्रशिक्षित करते हैं।

लायंस क्लब के अंतर्राष्ट्रीय चेयरमैन जेनिस रोज अमेरिका से यहां 2004-05 में कुछ जापानी मित्रों

के साथ आए थे। तीन दिन रहने के बाद बच्चों को अपने साथ वाराणसी ले गए थे।

 

वीणा वादिनी स्कूल” के बच्चे! जर्मनी, अमेरिका और अन्य कई देशों के शिक्षाविद यहां आ चुके हैं!

जहां एक समारोह में इन बच्चों के हुनर को दिखाया गया। समारोह को संबोधित करते हुए

जेनिस रोज ने कहा था कि भारत में दुनिया का यह 9वां अजूबा है। जर्मनी, अमेरिका और

अन्य कई देशों के शिक्षाविद यहां आ चुके हैं और वे वीरंगद के संपर्क में हैं। वीरंगद के मुताबिक

स्कूल ग्रामीण क्षेत्र में है। कुछ दूसरे स्कूलों में जाते हैं, तो कुछ पढ़ाई ही छोड़ देते हैं।

अभिभावक शिक्षा के प्रति जागरूक नहीं हैं। यही बात शिक्षा और इस विधा के लिए बड़ी चुनौती है।

सरकार, सामाजिक संस्थाएं मदद करें, तो इस विधा का प्रचार-प्रसार हो सकता है।

कंप्यूटर के की-बोर्ड, वीणा_वादिनी_पब्लिक_स्कूल, लिखते_हैं_पांच_भाषाएं, #समाज_विकास_संवाद,

कंप्यूटर से तेज ”वीणा वादिनी स्कूल” के बच्चे, वीणा वादिनी स्कूल,

#समाज_का_विकास, Samaj Vikas Samvad, New India News, Samaj Ka Vikas,

Gadget Samvad, science-technology Samvad, Global Samvad,

Amazon Prime Newsव्यापार संवाद, आयुर्वेद संवाद, गैजेट्स संवाद, समाज विकास संवाद

Leave a Reply

Related articles

Jadui Pitara- A Play-Based Learning-Teaching Material Tailored For Children Aged 3-8 Years Launched.

Jadui Pitara - A play-based learning-teaching material tailored for children Aged 3-8 Years Launched By union education minister Shri Dharmendra Pradhan.Learning - Teaching Material for Foundational Stage Jadui-Pitara has been envisaged under National Education Policy 2020 (NEP2020).Jadui Pitara developed under the National Curriculum Framework is available in 13 Indian languages and

गंगा जल पवित्र कियूं है ? गंगा जल की एक्स फैक्टर क्या है ? गंगा जल की विशेषताए क्या है ?

कैसे बनते है गंगा जल की रोग प्रतिरोधक क्षमता ? सनातन धर्म अनुसार गंगा जल पवित्र कियूं है ? वैज्ञानिकों के दृष्टि से गंगा जल की विशेषताए क्या है ? गंगा जल की एक्स फैक्टर क्या है ? वैज्ञानिक शोध से पता चलता है कि गंगा में एक एक्स फैक्टर (बैक्टीरियोफेज नामक वायरस गंगा के बैक्टीरिया को नष्ट कर देता है) काम करता है,जो प्रदूषकों को नष्ट करने में सक्षम है (बेशक, प्राकृतिक, रासायनिक प्रदूषक वायरस को खत्म नहीं कर सकते)।

आजादी के 75 साल बाद एमबीबीएस विद्यार्थी राष्ट्रभाषा हिंदी में भी पढ़कर डॉक्टर बन सकेंगे! 

आजादी के 75 साल बाद एमबीबीएस विद्यार्थी राष्ट्रभाषा हिंदी में भी पढ़कर डॉक्टर बन सकेंगे! मध्य प्रदेश में आजादी का अमृत महोत्सव के अवसर पर डॉक्टर बनने में इच्छुक विद्यार्थियों के लिएराष्ट्रभाषा हिंदी में उपलब्ध होंगे एमबीबीएस की पढाई!

केंद्र सरकार ने अपग्रेड, बायजूस, अनएकेडमी जैसे एड-टेक (ऑनलाइन शिक्षा) कंपनियों को अनैतिक व् भ्रामिक विज्ञापनों के लिए चेतावनी दी!

केंद्र सरकार ने अपग्रेड, बायजूस, अनएकेडमी जैसे एड-टेक (ऑनलाइन शिक्षा) कंपनियों को अनैतिक व् भ्रामिक विज्ञापनों के लिए चेतावनी दी!केंद्र सरकार ने एड-टेक कंपनियों को अनुचित व्यापार प्रथाओं के खिलाफ चेतावनी दी है।बैठक में आईएएमएआई के प्रतिनिधियों के साथ-साथ आईईसी सदस्य कंपनियों के साथअपग्रेड, बायजूस, अनएकेडमी, वेदांतु, ग्रेट लर्निंग, व्हाइटहैट जूनियर और सनस्टोन शामिल थे।