नैमिष में होगी गोमती आरती, नदियां जिबित रही तो संस्कृति जीवित रहेंगी-योगी आदित्यनाथ!

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नैमिष में होगी गोमती आरती, नदियां जिबित रही तो संस्कृति जीवित रहेंगी-योगी आदित्यनाथ। 

Gomti Aarti will be held in Naimish, Ancient culture will survive if rivers live, Yogi Adityanath
समाज विकास संवाद!
सीतापुर।

नैमिष में होगी गोमती आरती, नदियां जिबित रही तो संस्कृति जीवित रहेंगीयोगी आदित्यनाथ!

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि नैमिषेय शंखनाद में 51 तीर्थों के जल से हुए यज्ञ से

पवित्र की गई नैमिष की धरती पर गंगा और सरयू की तरह गोमती नदी को

स्वच्छ करने के लिए सभी का आह्वान किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि नदियां अगर मरेंगी तो

हमारी संस्कृतियां जीवित नहीं रह पाएंगी।

सीएम ने कहा कि सौ करोड़ रुपए से नैमिषारण्य-मिश्रिख तीर्थ का विकास किया जाएगा।

उन्होंने 390 लाख रुपए रुद्रावर्त तथा काशी कुंड के विकास के लिए 70 लाख रुपए देने की

घोषणा की। मुख्यमंत्री ने सावन में कांवर यात्रा और नवरात्रि में देवी मंदिरों में दर्शन-पूजन

को सुरक्षित और सुविधाजनक करने का भरोसा दिया।

इलाहाबाद के कुंभ मेले को सांस्कृतिक हेरिटेज का दर्जा देने का जिक्र करते हुए कहा कि

सरकार कुंभ का लोगो जारी करेगी। योगी ने कहा कि अयोध्या भगवान राम की जन्मभूमि है,

यहां की रामलीला बंद कर दी गई थी। रामलीला के आयोजन को शुरू कराया गया और

सरयू के पवित्र तट पर दीपोत्सव का आयोजन किया गया। उन्होंने कहा कि

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को विकास की दिशा में ले जाने के लिए दृढ़ संकल्पित हैं।

 

गोमती_आरती— नैमिषेय शंखनाद के मंच से उद्बोधन। 

नैमिषेय शंखनाद के मंच से उद्बोधन के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पौराणिक चक्र तीर्थ पहुंचे।

तीर्थ के पवित्र जल का सीएम ने आचमन किया। इसके बाद वह मां ललिता देवी मंदिर में

पहुंचकर माथा टेककर मंदिर के पुजारी ने मुख्यमंत्री को मंत्रोच्चार के बीच विधिवत

पूजन अर्चन कराया। इसके बाद मुख्यमंत्री लखनऊ के लिए रवाना हो गए।

इससे पहले नैमिषेय शंखनाद कार्यक्रम के मंच से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने

भारत माता के गगनभेदी जयकारे लगाकर कला, साहित्य की महान हस्तियों का प्रदेश सरकार

की तरफ से स्वागत किया। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम से भारतीय संस्कृति, कला और

साहित्य को नवजीवन मिलेगा।

प्रदेश को सांप्रदायिकता से बचाना बड़ी चुनौती है। देश की एकता, अखंडता और संस्कृति की

रक्षा में भारतीयता का अहम योगदान है। तीन हजार वर्षों से भी पूर्व सनातन व वैदिक परंपराओं

को जीवित रखने के लिए मुख्यमंत्री ने नैमिषवासियों का धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि

प्रदेश सरकार कृष्ण सर्किट, बौद्ध सर्किट के साथ ही नैमिष तीर्थ के समग्र विकास के

लिए संकल्पित है।

गोमती की स्थिति दयनीय है। नदियां अगर मरेंगी, तो हमारी संस्कृतियां जीवित नहीं रह

पाएंगी। मुख्यमंत्री ने गंगा व सरयू की तरह गोमती नदी को स्वच्छ करने के लिए सभी से

आवाह्न किया।

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