धर्म

गंगा नदी का पौराणिक मान्यता क्या है ? गंगा नदी कहा है ? गंगा जल क्या है ?

गंगा नदी का पौराणिक मान्यता क्या है ? गंगा नदी कहा है ? क्या है गंगा की महत्व ? गंगा जल क्या है ? गंगा जल पवित्र कियूं है?भारतीय वैदिक सनातन धर्म की प्रतिक गंगा नदी भारत एवं इनके प्रतिवेशी देश बांग्लादेश की एक महत्वपूर्ण एवं प्रमुख नदी है।हालाँकि, बांग्लादेश में यह पद्मा नदी के नाम से प्रसिद्द है, एवं भारत में बंगाल की खाड़ी में विलय के पूर्व इन्हें भागीरथी के नाम से पुकारा जाता है!

क्या है गुड़ी पाड़वा? ‘गुड़ी’ का अर्थ क्या है?  हिन्दू समाज में नववर्ष की शुरुआत कब से?

नववर्ष उत्सव मानाते समय हमारे मन में कई प्रश्न जागता है की, क्या है गुड़ी पाड़वा? 'गुड़ी' का अर्थ क्या है? हिन्दू समाज में नववर्ष की शुरुआत कब से हुआ? कियूं महत्वपूर्ण है गुड़ी पारवा? कैसे मनाएं गुड़ी पाड़वा? इतिहास में वर्ष प्रतिपदा की क्या है परंपरा?इन प्रश्नावली के उत्तर में यह जानना एवं मानना अत्यावश्यक है की भारत की सनातन हिन्दू परंपरा में नववर्ष उत्सव अति महत्वपूर्ण होता है , चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से प्रारम्भ होता है हिन्दू नववर्ष, भारत की पश्चिम भू भाग, विशेषतः महाराष्ट्र एवं गोवा राज्य में यह उत्सव गुड़ी पड़वा के रूप में प्रसिद्द है.

श्रीराम मंदिर भूमिपुजन मे करे दिवाली का आयोजन! परंतु, रखे करोना का ध्यान- चंद्रकांत दादा पाटिल

श्री राम मंदिर भूमिपुजन मे करे दिवाली का आयोजन! परंतु, रखे करोना का ध्यान- भाजपा अध्यक्ष श्री चंद्रकांत दादा पाटिलप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि में भव्य मंदिर का भूमिपूजन समारोह दि. 5 अगस्त के दिन होगा।अपने जीवन के इस महत्वपूर्ण दिन को सभी व्यक्तिगत स्तर पर घर- घर दिवाली जैसा मनायें।लेकिन सामूहिक उत्सव टालें और कोरोना का ध्यान रखें,

कोविद१९ के चलते मालवणी की मोरेश्वर गणपति इस वर्ष केवल डेढ़ दिन के लिए!

मालवणी की मोरेश्वर गणपति इस वर्ष केवल डेढ़ दिन के लिए!कोविद१९ महामारी के चलते आयोजक मोरया बॉयज मंडल की महत्वपूर्ण निर्णयइस वर्ष, मोरेश्वर मित्र परिवार ने गणेश उत्सव को सरल तरीके से मनाने का निर्णय लिया है।मुंबई में भयानक रूप से फ़ैल रहे कोरोना महामारी के चलते सामाजिक दूरिय बजाये रखना सार्वजनिक हीत के किये अत्यंत महत्वपूर्ण है!
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अक्षय तृतीया की महत्य क्या है ! जानिए क्या करें अक्षय तृतीया के  दिन!

अक्षय तृतीया की महत्य क्या है ! तिथि अनुसार इस वर्ष अक्षय तृतीया रविवार २६ एप्रिल २०२० के दिन है!  वैशाख शुक्ल तृतीया को अक्षय तृतीया कहते हैं। चूँकि इस दिन किया हुआ जप, तप, ज्ञान तथा दान अक्षय फल देने वाला होता है अतः इसे 'अक्षय तृतीया' कहते हैं। यदि यह व्रत सोमवार तथा रोहिणी नक्षत्र में आए तो महाफलदायक माना जाता है। 

मोदी जी का आह्वान! ५ अप्रैल रात ९ बाजे ९ मिनिट के लिए करे आत्मदीप की प्रज्वलन!

कोरोना से लड़ने उर्जा की करे संतुलन प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी जी का आह्वान - ५ अप्रैल रात ९ बाजे ९ मिनिट के लिए करेआत्मदीप की प्रज्वलन!भारत भर में फ़ैल रहे कोरोना वायरस की महामारी को रोकने की लड़ाई में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जीसम्पूर्ण भारत वासिओं के लिए रविवार 5 अप्रैल के दिन शाम ठीक ९ बाजे ९ मिनट के लिएदीप प्रज्वलन व् प्रकाश की प्रज्वलन करने ने का आह्वान किया है!