धर्म

धर्मं संस्कृति महाकुम्भ में स्वामी उमकंतानंद सरस्वती एवं सर संघचालक मोहन भागवतजी!

धर्मं संस्कृति महाकुम्भ में स्वामी उमकंतानंद सरस्वती एवं सर संघचालक मोहन भागवतजी!समाज विकास संवाद!

प्राचीन भारत के मान्यता अनुसार कौन है वो सात महामानव जो हजारों वर्षों से हैं जीवित?

भारतीय हिंदू इतिहास, पुराण और प्रमुख ग्रंथो के अनुसार इस दुनिया मैं ऐसे सात व्यक्ति हैंजो चिरंजीवी हैं। मतलब इन्हे अमरता का वरदान प्राप्त है ये सभी दिव्य और आलोकिक शक्तियोंसे पूर्ण संपन्न हैं और ये महामानव या महापुरुष किसी न किसी वचन या शाप से बंधे हुए हैं।हिन्दू इतिहास के अनुसार योग में जिन अष्ट सिद्धियों की बात कही या लिखी गई हैवे सारी अदभुद शक्तियाँ इनके पास हैं।

क्या है आध्यात्म व परंब्रह्म ? वेद के अनुसार निराकार मार्ग ही है सर्वोच्च मार्ग!

आध्यात्म व परंब्रह्म एक अदृश्य शक्ति - निराकार मार्ग ही है सर्वोच्च मार्गसाथियों, ये सृष्टि एक अनुपम व अदभुत शक्ति के प्रभाव से चल रही है, जिसे आध्यात्म में परंब्रह्म अथवा निरंकार अथवा निराकार अथवा अदृश्य शक्ति के रूप में जाना जाता है। ये अदृश्य शक्ति इतनी ताक़तवर है कि इसकी थाह पाना,इससे पार पाना या वश में कर पाना साधारण मनुष्य के लिए संभव ही नहीं है।

ऐतिहासिक सातशे वर्ष जुन्या नागेश्‍वर महादेव मंदिराचे जीर्णोद्धार!

नागेश्वराच्या सातशे वर्ष जुन्या ऐतिहासिक मंदीरास मूळ स्वरुप प्राप्त करुन देण्यासाठी महापालिकेच्या माध्यमातून उत्कृष्ट प्रयत्न करण्यात आलेला आहे, असे प्रतिपादन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस यांनी येथे केले।
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तुलसी की पौधे हमे आनेवाले अच्छे, बुरे समय का अग्रिम सुचना देती है!

तुलसी की पौधे हमे आनेवाले अच्छे, बुरे समय का अग्रिम सुचना देती है!क्या आपने कभी इस बात पर ध्यान दिया कि आपके घर, परिवार या आप पर कोई मुसीबतआने वाली होती है तो उसका असर सबसे पहले आपके घर में स्थित तुलसी के पौधे पर होता है।आप उस पौधे का कितना भी ध्यान रखें धीरे-धीरे वो पौधा सूखने लगता है।तुलसी का पौधा ऐसा है जो आपको पहले ही बता देगा कि आप पर या आपके घर परिवार कोकिसी मुसीबत का सामना करना पड़ सकता है।

ग्रहराज सूर्य – आज हम चर्चा करेंगे नवग्रहो के राजा सूर्यदेव की!

सृष्टि रचना के समय ब्रह्मा जी के पुत्र मरीचि हुए जिनके पुत्र ऋषि कश्यप का विवाहअदिति से हुआ | अदिति ने घोर तप द्वारा भगवान् सूर्य को प्रसन्न किया जिन्होंनेउसकी इच्छा पूर्ति केलिए सुषुम्ना नाम की किरण से उसके गर्भ में प्रवेश किया |गर्भावस्था में भी अदिति चान्द्रायण जैसे कठिन व्रतों का पालन करती थी |