रामभाऊ म्हालगी प्रबोधिनी में संपन्न हुआ “वन नेसन-वन इलेक्शन” सेमिनार !

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रामभाऊ म्हालगी प्रबोधिनी में संपन्न हुआ “वन नेसन-वन इलेक्शन” सेमिनार !

एक देश, एक चुनाव से कालाधन होगा समाप्त : मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर !

“One Neston-One Election” Seminar held at Rambhau Mhalgi Prabodhini!
One country, one election will end black money: Chief Minister Manohar Lal Khattar!
समाज विकास संवाद!
मुंबई ,

रामभाऊ म्हालगी प्रबोधिनी में संपन्न हुआवन नेसन-वन इलेक्शन” सेमिनार, एक देश एक चुनाव

लोकतंत्र पर आस्था रखने वाले भारत देश में एक साथ सभी चुनाव कराए जाने से

सिर्फ फायदे ही फायदे हैं, नुकसान दूर-दूर तक नहीं हैं।

इससे देश से कालाधन समाप्त होगा और लोकतंत्र का भला होगा,

यह बातें हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने भायंदर में रामभाऊ म्हालगी प्रबोधनी

द्वारा वन नेसन, वन इलेक्शन’ (एक देश, एक चुनाव) विषय पर आयोजित परिचर्चा में कहीं।

उन्होंने कहा कि साफ-सुथरी राजनीति को अपेक्षा करने वाले देशवासियों को इस पर

आगे आकर विचार करना होगा। हर वर्ष चुनाव में हजारों करोड़ रुपए खर्च होते हैं।

इससे देश के आठ हजार करोड़ रुपए बचाए जा सकते हैं। यहां उक्त विषय पर आयोजित

दो दिवसीय परिचर्चा के समापन के अवसर पर बोलते हुए खट्टर ने कहा कि भारत विश्व का

सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है। यहां अबकी बार लोकतंत्र 72 वर्ष का होने जा रहा है।

 

लोगों की लोकतंत्र के प्रति सच्ची आस्था है, सभी लोग मिलकर निर्णय लेते हैं।

यहां के लोगों की लोकतंत्र के प्रति सच्ची आस्था है, सभी लोग मिलकर निर्णय लेते हैं।

खट्टर ने कहा कि भारत में पिछले 30 वर्षों में एक वर्ष भी बिना चुनाव का नहीं बीता है।

लोक सभा के बाद हर वर्ष विधान सभा चुनाव किसी न किसी राज्य में होता ही है।

इससे केंद्र व संबंधित राज्य सरकारों को निर्णय लेने में समस्या होती है।

जिसे ध्यान में रखते हुए हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वयं आगे आकर सर्वदलीय बैठक में

एक राज्य, एक चुनाव का मुद्दा उपस्थित किया। उन्होंने कहा कि सरकार ही नहीं बल्कि

पूरे देश की जनता और सभी राजनीतिक दल एक देश, एक चुनाव की परिकल्पना पर विचार करें, चर्चा करें।

उन्होंने कहा कि देश में चुनाव में ही लगभग 11 हजार करोड़ रुपए खर्च होते हैं,

जिसमें से 8 हजार करोड़ रुपए आसानी से इस संकल्पना के माध्यम से बचाए जा सकते हैं।

सिर्फ पैसा ही नहीं बल्कि समय, ऊर्जा और कर्मचारियों पर पडऩे वाले अतिरिक्त बोझ,

जबरन स्कूल में छुट्टी देकर छात्रों की पढ़ाई के साथ होने वाले खिलवाड़ से उनके

भविष्य आदि को सुरक्षित किया जा सकता है। वर्ष 2009 के लोकसभा चुनाव में

1100 करोड़ रुपए चुनाव पर खर्च हुए थे, जबकि वर्ष 2014 में यह आंकड़ा 3700 करोड़

रुपए तक पहुंच गया था।

 

रामभाऊ म्हालगी प्रबोधिनी! चुनाव के पहले आनन-फानन में होने वाले भ्रष्टाचार पर रोक लगेगी।

अब वर्ष 2019 में कितना होगा यह बताना मुश्किल है। लेकिन तय है कि इससे अधिक ही होगा।

उन्होंने कहा कि एक देश में एक चुनाव होने से सरकार के खजाने पर पडऩे वाला

भारी-भरकम बोझ हल्का हो जाएगा। राज्यों के पैसे बचेंगे।

चुनाव के पहले आनन-फानन में होने वाले भ्रष्टाचार पर रोक लगेगी।

उन्होंने कहा कि इस मामले में पहले भी एक कमिटी बन चुकी थी। उस कमिटी ने भी

एक साथ चुनाव का समर्थन किया था। इतना ही नहीं राष्ट्रपति ने भी एक साथ

चुनाव का समर्थन किया है। उन्होंने इस परिकल्पना को आगे बढ़ाने को लेकर हो रही चर्चा में

एक विषय और शामिल करते हुए कहा कि देश कि राजनीति साफ-सुथरी होनी चाहिए।

इसके लिए संसद में जाने वाले सांसदों के लिए भी एक मापदंड निर्धारित कर योग्यता पर

बल देना चाहिए। उन्होंने कहा कि सांसद के चुनाव में हिस्सा लेने वाले प्रत्याशी को

10वीं उत्तीर्ण होना चाहिए, ऐसा एक प्रस्ताव दिया जा सकता है। उन्होंने अपने राज्य में

ग्राम पंचायत के चुनाव में प्रत्याशियों के लिए 10वीं उत्तीर्ण अनिवार्य कर दिया है,

जिसका उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि इससे राज्य की राजनीति में साफ- सुथरे लोगों को

मौका मिल रहा है।

 

वन नेसन-वन इलेक्शन सेमिनार ! भाजपा के सांसद व मध्य प्रदेश के प्रभारी विनय सहत्रबुद्धे। 

इस मौके पर भाजपा के सांसद व मध्य प्रदेश के प्रभारी विनय सहत्रबुद्धे ने कहा कि

वन नेसन, वन इलेक्शन (एक देश, एक चुनाव) अब समय की मांग बन चुका है।

देश में विकास के लिए हरसंभव प्रयास यह सरकार कर रही है। इस सरकार ने इस संकल्पना

को भी स्वीकार करने का साहस दिखाया है, तभी तो प्रधानमंत्री ने स्वयं इस संकलपना को

आगे बढ़ाने के लिए देश की जनता के बीच जाकर चर्चा करने का सुझाव दिया है।

इससे देश को सिर्फ और सिर्फ लाभ होगा।

जेडीयू के नेता के सी त्यागी ने इस परिचर्चा में कहा कि यदि इस संकल्पना को

लागू कर दिया गया तो कइयों के कान खड़े हो जाएंगे। देश को सही मायने में इसी

संकल्पना की जरूरत थी। इसे लागू करना चाहिए। मैं और हमारे नेताओं व बिहार के

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने स्वयं इसे सराहा है।

प्रधानमंत्री के इस अभियान को जेडीयू का समर्थन है।

 

एक साथ पूरे देश में चुनाव होगा तो कालाधन समाप्त होगा। 

उन्होंने कहा कि यदि एक साथ पूरे देश में चुनाव होगा तो कालाधन समाप्त होगा,

देश का और लोकतंत्र का भला होगा। भायंदर के उत्तन में आयोजित इस परिचर्चा में

देश के कई लोगों को आमंत्रित किया गया था। शिक्षाविद्, राजनीतिज्ञ, व्यावसायिक, छात्र नेता,

युवा नेता, पत्रकार आदि लोगों को इस परिचर्चा में शामिल किया गया था।

रामभाऊ म्हालगी प्रबोधनी के उपाध्यक्ष विनय सहस्त्रबुद्धे ने इस परिचर्चा का आयोजन किया था।

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