गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस (जीईएम) पोर्टल पर “द सरस कलेक्शन” का शुभारंभ!

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गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस (जीईएम) पोर्टल पर “द सरस कलेक्शन” का शुभारंभ!

Inauguration of “The Saras Collection” on the Government e-Marketplace (GEM) portal!

ग्रामीण स्वयं सहायता समूहों (एस एच जी) द्वारा बनाई गई दैनिक उपयोग के उत्पादों की प्रदर्शन व् बिक्री के लिए मोदी सरकार द्वारा आतंरिक प्रयास !

समाज विकास संवाद!
न्यू दिल्ली ,

गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस (जीईएम) पोर्टल पर “द सरस कलेक्शन” का शुभारंभ, गवर्नमेंट ई मार्केटप्लेस (जीईएम) एक 100 प्रतिशत सरकारी स्वामित्व वाली सेक्शन 8 कंपनी है। 

केंद्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज तथा कृषि और किसान कल्याण मंत्री, श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने,

आज नई दिल्ली में सरकारी ई-मार्केटप्लेस (जी ई एम) पोर्टल पर “द सरस कलेक्शन” का शुभारंभ किया।

जेम और दीनदयाल अनत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (डी ए वाई-एन आर एल एम),

ग्रामीण विकास मंत्रालय की एक अनूठी पहल, सरस संग्रह, ग्रामीण स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) द्वारा बनाए गए

दैनिक उपयोग वाले उत्पादों को प्रदर्शित करता है और इसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में एसएचजी को केंद्र और

राज्य सरकार के खरीदारों तक पहुंचने के लिए बाजार उपलब्ध कराना है।

इस पहल के तहत, एस एच जी विक्रेता अपने उत्पादों को 5 उत्पाद श्रेणियों, अर्थात (i) हस्तशिल्प, (ii) हथकरघा और वस्त्र,

(iii) कार्यालयों में इस्तेमाला होने वाले सामान, (iv) किराना और पेंट्री, और (v) व्यक्तिगत देखभाल और

साफ सफाई की श्रेणी में सूचीबद्ध कर सकेंगे। पहले चरण में, 11 राज्यों के 913 एसएचजी पहले से ही विक्रेताओं के रूप में पंजीकृत हैं

और 442 उत्पादों को पोर्टल पर अपलोड किया जा चुका है। थोड़े समय में देशभर में बड़ी संख्या में एसएचजी को पोर्टल पर

पंजीकृत करने के लिए जीईएम ने एनआरएलएम डेटाबेस के साथ एपीआई आधारित एकीकरण तंत्र विकसित किया है।

 

“द सरस कलेक्शन” का शुभारंभ। इसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों के एसएचजी को सरकारी खरीदारों तक पहुंच बनाने के लिए बाजार उपलब्ध कराना है!

इसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों के एसएचजी को सरकारी खरीदारों तक पहुंच बनाने के लिए बाजार उपलब्ध कराना है!

जीईएम राष्ट्रीय, राज्य, जिला और ब्लॉक स्तर पर पदाधिकारियों के लिए डैशबोर्ड प्रदान करेगा,

जो उन्हें स्वयं सहायता समूहों द्वारा अपलोड किए गए उत्पादों की संख्या, और प्राप्त आदेशों की पूर्ति और

मात्रा के बारे में वास्तविक समय की जानकारी प्रदान करेगा। पोर्टल पर एसएचजी उत्पादों की उपलब्धता के बारे में

सरकारी खरीदारों को सिस्टम जनित संदेश / अलर्ट के जरिए जानकारी दी जाएगी। इच्छुक खरीदार इसके माध्यम से

अपनी पसंद के उत्पादों को खोज, देख और खरीद सकेंगे।

इस पहल के तहत एसएचजी को शामिल करने का कार्य पहले बिहार, छत्तीसगढ़, झारखंड, कर्नाटक, केरल,

हिमाचल प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश एवं पश्चिम बंगाल के राज्यों में किया गया है।

इसका कवरेज सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों की बड़ी संख्या में एसएचजी को सक्षम बनाने के लिए

तेजी से बढ़ाया जाएगा जिससे कि वे सरकारी क्रेताओं को अपना उत्पाद बेच सकें।

 

“द सरस कलेक्शन” का शुभारंभ— 442 उत्पादों की जानकारी पोर्टल पर अपलोड की जा चुकी है। 

पहले चरण में, 11 राज्यों के 913 एसएचजी पहले से ही विक्रेताओं के रूप में पंजीकृत हैं और

442 उत्पादों की जानकारी पोर्टल पर अपलोड की जा चुकी है

अपने उत्पादों को अपलोड करने में एसएचजी की आरंभिक सहायता करने एवं सुगम बनाने के लिए राज्य एवं

राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशनों के साथ जीईएम उत्पाद कैटेलाग प्रबंधन, आर्डर पूरा करने एवं बोली की भागीदारी में

विक्रेताओं की सहायता कर रही है। जीईएम एसएचजी के क्षमता निर्माण एवं प्रशिक्षण आवश्यकताओं पर ध्यान देने के लिए तथा

आर्डर पैकेजिंग, कैटेलाग प्रबंधन एवं लॉजिस्टिक्स के लिए आवश्यक क्षमताओं के निर्माण के लिए

राज्य पदाधिकारियों से भी गठबंधन करेगी।

 

“द सरस कलेक्शन” का शुभारंभ। जी ई एम राज्य आजीविका मिशनों में एस एच जी एवं पदाधिकारियों के लिए आनलाइन वेबिनारों का संचालन करेगी। 

एनआरएलएम एवं एसआरएलएम से इनपुट एवं सहायता के साथ, जीईएम एसएचजी एवं एसआरएलएम कर्मचारियों की

यूजर विशिष्ट आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए मातृ भाषा कंटेंट में ऑनलाइन लर्निंग रिसोर्सेज को भी डेवलप करेगी।

इसके अतिरिक्त, जीईएम राज्य आजीविका मिशनों में एसएचजी एवं पदाधिकारियों के लिए आनलाइन वेबिनारों का संचालन करेगी

और निर्बाधित अध्ययन अनुभव के लिए वीडियो, ई-बुक, मैनुअल एवं अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों के भंडार का भी विकास करेगी।

एसएचजी को सरकारी क्रेताओं तक सीधी पहुंच उपलब्ध कराने के द्वारा सरस कलेक्शन आपूर्ति श्रृंखला में बिचैलियों को

खत्म कर देगा और इस प्रकार एसएचजी के लिए बेहतर मूल्य सुनिश्चित करेगा तथा स्थानीय स्तर पर रोजगार अवसरों को बढ़ावा देगा।

 

“द सरस कलेक्शन” का शुभारंभ। जीईएम अपनी विकास गाथा में एसएचजी को साझीदार बनाने के इस अवसर से प्रसन्न है।

यह अभी केवल आरंभ है और जीईएम अपनी विकास गाथा में एसएचजी को साझीदार बनाने के इस अवसर से प्रसन्न है।

एसएचजी पूरे देश की तरह, जिस प्रकार अभूतपूर्व एवं ऐतिहासिक स्तर के इस राष्ट्रीय स्वास्थ्य आपातकाल के समय में

कोविड-19 महामारी से बहादुरी पूर्वक लड़ रहे हैं, उसके लिए वे विशेष रूप से सराहना के पात्र हैं।

डी ए वाई-एन आर एल एम के बारे में: डीएवाई-एनआरएलएम का लक्ष्य कुशल मजदूरी रोजगार अवसरों का सृजन करते हुए

विविधीकृत और लाभदायक स्व-रोजगार के संवर्धन के जरिये गरीबी को कम करना है। यह स्कीम सामाजिक पूंजी के निर्माण में

सहायता करती है और गरीबी में कमी लाने के लिए वित्तीय संपर्क सुनिश्चित करती है तथा ग्रामीण निर्धन महिलाओं का जीवन स्तर बढ़ाती है।

इसकी डिजिटल वित, ग्रामीण उत्पादों के आसपास मूल्य श्रंखला के सृजन और बाजार पहुंच में सुधार, ग्रामीण उद्यम और

सामुदायिक संस्थानों के सुदृढ़ीकरण जैसे वित्तीय समावेश के वैकल्पिक माध्यमों के लिए नवोन्मेषणों को लेकर महत्वाकांक्षी योजनाएं हैं।

 

“द सरस कलेक्शन” का शुभारंभ। गवर्नमेंट ई मार्केटप्लेस (जीईएम) एक 100 प्रतिशत सरकारी स्वामित्व वाली सेक्शन 8 कंपनी है। 

जीईएम के बारे में: गवर्नमेंट ई मार्केटप्लेस (जी ई एम) एक 100 प्रतिशत सरकारी स्वामित्व वाली सेक्शन 8 कंपनी है

जिसकी स्थापना केंद्रीय एवं राज्य सरकार संगठनों के लिए आवश्यक वस्तुओं एवं सेवाओं की खरीद के लिए एक

राष्ट्रीय सार्वजनिक खरीद पोर्टल के रूप में की गई है। जीईएम सभी केंद्रीय एवं राज्य सरकार मंत्रालयों, विभागों,

सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों (पी एस ई), स्थानीय निकायों एवं स्वायत्तशासी संगठनों के लिए वस्तुओं एवं सेवाओं की खरीद का

आनलाइन एवं अंतिम रूप से समाधान उपलब्ध कराती है। यह प्लेटफार्म खरीद में मानवीय अंतःक्षेपों को घटाता है और पारदर्शी,

लागत बचतकारी, समावेशिता एवं चेहरारहित मानकीकृत सार्वजनिक खरीद की प्रभावोत्पादकता बढ़ाने में सक्षम बनाता है।

“द सरस कलेक्शन” का शुभारंभ

राष्ट्रीय सार्वजनिक खरीद पोर्टल, गवर्नमेंट ई मार्केटप्लेस (जीईएम), सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों (पीएसई),

डीएवाई-एनआरएलएम, एनआरएलएम एवं एसआरएलएम, ऑनलाइन लर्निंग रिसोर्सेज,

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