केंद्रीय सरकार ने किया सोशल मीडिया पर अफवाह का खंडन,कहा, नहीं सील होंगे बैंक लॉकर!

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केंद्रीय सरकार ने किया सोशल मीडिया पर अफवाह का खंडन,कहा; नहीं सील होंगे बैंक लॉकर!

The central government denied the rumor on social media, saying; Bank lockers will not be sealed!

समाज विकास संवाद!

नई दिल्‍ली।

बैंक लॉकर सील होने को लेकर चल रहे विवाद को लेकर केंद्रीय सरकार ने किया सोशलमीडिया अफवाह का खंडन!

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पिछले आठ नवंबर को 500 और एक हजार रुपए के नोट

चलन से बाहर किए जाने के बाद सोशल मीडिया पर अफवाहों का बाजार गर्म हो गया।

सोशल मीडिया पर अफवाह फैली की सरकार का अगला निशाना अब बैंक लॉकर होंगे।

सरकार का कहना है कि यह बात बेबुनियाद है। बैंक लॉकर सील करने या फिर

आभूषणों को जब्त करने जैसा कोई प्रस्ताव नहीं है।

भारत सरकार के पत्र सूचना कार्यालय (पी आई बी) की वेबसाइट पर

नवीनतम परिपत्र ‘विमुद्रीकरण: मनगढ़ंत बातें निराधार’ में कहा गया है कि

बैंक लॉकर सील करने या फिर आभूषणों को जब्त करने जैसा कोई प्रस्ताव नहीं है।

इस परिपत्र में कई शंकाओं का समाधान किया है, जो विमुद्रीकरण को लेकर उड़ रही हैं।

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केंद्रीय सरकार ने किया सोशलमीडिया अफवाह का खंडन!

नहीं सील होंगे बैंक लॉकर!

Bank lockers will not be sealed!

 

  • भ्रम : कुछ व्यापारिक घरानों और पार्टी सदस्यों को विमुद्रीकरण की सूचना पहले ही दे दी गई थी?

वास्तविकता: इस संबंध में पूरी तरह से गोपनीयता बरती गई है और किसी को भी सरकार की तैयारी की भनक नहीं लगने दी गई।

 

  • भ्रम: विमुद्रीकरण लागू करने की लागत लाभ से कही अधिक है?

वास्तविकता: समानांतर अर्थव्यगवस्था देश की अर्थव्यकवस्था को खोखला करती है और दूसरों की तुलना में गरीब और मध्ययमवर्ग पर प्रतिकूल प्रभाव डालती है।

 

  • भ्रम: विमुद्रीकरण सिर्फ दिखावे के लिए है। लोग कालाधन रखने के लिए दूसरे रास्ते तलाश लेंगे। उद्योग-व्यापारी वर्ग इस समस्या की तोड़ निकालने में लग गए है?

वास्‍तविकता: प्रवर्तन एजेंसियां कड़ी नजर रखी हुई हैं। बेनामी कारोबार अधिनियम और काले धन को रोकने के लिए सूचना साझा करने की संधि में आवश्यरक बदलाव किए गए हैं।

 

  • भ्रम: नए नोट में कालाधन जमा करने वालों पर नजर रखने के लिए चिप लगी हुई है?

वास्‍तविकता : ये काल्पनिक और मनगढ़ंत बातें हैं। नए नोट में किसी तरह की चिप नहीं लगी है।

 

केंद्रीय सरकार ने किया सोशलमीडिया अफवाह का खंडन!

नोट में एक सुरक्षा चिन्हं है, जिसे इंटैग्लियो प्रिटिंग कहते हैं।

 

  • भ्रम: 2,000 रुपए के नोटों की क्वागलिटी कम है और उनसे रंग निकलता है?

वास्ताविकता: नोट में एक सुरक्षा चिन्हं है, जिसे इंटैग्लियो प्रिटिंग कहते हैं। सही नोट की जांच के लिए आप उसे किसी कपड़े से रगडि़ए, जिससे एक टर्बो इलेक्ट्रि‍क इफेक्ट तैयार होता है और इसी की वजह से नोट का रंग कपड़े में लग जाता है।

 

  • भ्रम: अगला कदम बैंक लॉकर को सील करना और सोने/हीरे/आभूषण को जब्त करना है?

वास्‍तविकता : यह बात बेबुनियाद है। बैंक लॉकर सील करने या फिर आभूषणों को जब्त करने जैसा कोई प्रस्ताव नहीं है।

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