क्या है अकादमिक बैंक ऑफ क्रेडिट (ABC) योजना? अव पांच क्षेत्रीय भाषाओं में इंजीनियरिंग की शिक्षा उपलब्ध होंगे।

अकादमिक बैंक ऑफ क्रेडिट (ABC) के तहत प्रत्येक छात्र को डिजिटल अकादमिक बैंक खाता खोलने की सुविधा। नयी राष्ट्रिय शिक्षा नीति 2020 (NEP 2020)  की एक वर्षपूर्ति - सामान्य आत्मनिरीक्षण।शिक्षा क्षेत्र मे भारत - एन ई पी2020।शिक्षा सभी शिक्षार्थी एवं शिक्षकों के बारे में ही है।शिक्षा की क्षेत्र मे भारत की समूहिक प्रगति के लिए अति महत्वपूर्ण है।

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क्या है अकादमिक बैंक ऑफ क्रेडिट (ABC) योजना? अव पांच क्षेत्रीय भाषाओं में इंजीनियरिंग की शिक्षा।
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क्या है अकादमिक बैंक ऑफ क्रेडिट (ABC) योजना?

अव पांच क्षेत्रीय भाषा में इंजीनियरिंग शिक्षा।

राष्ट्रिय शिक्षा नीति 2020 (एन ई पी2020) की वर्षपूर्ति पर प्रधानमंत्री द्वारा अनेक महत्वपूर्ण शिक्षा योजनाओं का अनावरण।

 

समाज विकास संवाद!
न्यू दिल्ली,

क्या है अकादमिक बैंक ऑफ क्रेडिट (ABC) योजना? अव पांच क्षेत्रीय भाषाओं में इंजीनियरिंग की शिक्षा उपलब्ध होंगे, राष्ट्रिय शिक्षा नीति 2020, क्षेत्रीय भाषा में इंजीनियरिंग शिक्षा, शिक्षा क्षेत्र मे भारत – एन ई पी2020 । राष्ट्रिय शिक्षा नीति -समाज विकास संवाद!

राष्ट्रिय शिक्षा नीति 2020 (एन ई पी2020) की वर्षपूर्ति पर प्रधानमंत्री द्वारा अनेक महत्वपूर्ण शिक्षा योजनाओं का अनावरण।

नयी राष्ट्रिय शिक्षा नीति 2020 की प्रथम वर्ष पूर्ति सफलता पुवक सम्पन्न हुआ।

इसी अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी अकादमिक बैंक ऑफ क्रेडिट सहित अनेक प्रकार की महत्वपूर्ण एवं

आवश्यक शिक्षा योजनाओ का अनावरण किया,

जिसमे पांच क्षेत्रीय भाषा में इंजीनियरिंग शिक्षा की शुरुआत भी शामिल है।

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी जी ने गुरुवार को शिक्षार्थिओ की डिजिटल स्टोरेज की लाभ हेतु शैक्षणिक प्रमाण-पत्रों के जमा,

निकासी और भंडारण (संरक्षण) के लिए एक अकादमिक बैंक ऑफ क्रेडिट सहित प्रकल्प का घोषणा किया।

इसी के साथ अन्य कई शिक्षा योजनाओं का अनावरण भी किया गया।

इन घोषणाओ मे अत्यंत महत्वपूर्ण है पांच क्षेत्रीय भाषा में इंजीनियरिंग शिक्षा को हरी झंडी दिखाना।

 

 

एन ई पी 2020 की वर्षपूर्ति पर शिक्षा योजना !

क्या है अकादमिक बैंक ऑफ क्रेडिट (ABC) योजना?

 

उन्हे ये कोर्स को छोरना परता था, अथवा उनके वर्ष बिगड़ जाते थे।[saswp_tiny_multiple_faq headline-0=”h3″ question-0=”क्या है अकादमिक बैंक ऑफ क्रेडिट (ABC) योजना?” answer-0=”

  • “मल्टीपल एंट्री व एक्ज़िट’’ जैसे सुविधाकी रोल आउट भविष्य के शिक्षार्थिओ को एक नयी दिशा की और ले जाएगी।
  • रोलिंग आउट और एक्जिट जैसे विकल्प छात्रों को एक कक्षा और एक कोर्स में रहने के प्रतिबंध से मुक्त करेंगे।
  • उच्च शिक्षा के क्षेत्र मे इस तरह के सुविधा अब तक प्रतिबंधित हुआ करता था।
  • इस प्रतिबंध के कारण कई छात्र आपने कोर्स मे एनरोल करने के बाद; बाधाए आने पर या फिर दिक्कतों का सामना करने पर भी बाहर नहीं आ पाते थे।
  • उन्हे ये कोर्स को छोरना परता था, अथवा उनके वर्ष बिगड़ जाते थे।
  • इस के कारण कई शिक्षार्थिओ मे हताशा, मानसिक तनाव डिप्रेशोन जैसे लक्षण दिखते थे।
  • इस तरह के परिस्थिति के शिकार छात्र के लिए इस पेरिवर्तित व्यवस्था अति लाभकारी सिद्ध होगा,” image-0=”6465″ count=”1″ html=”false”]

 

“मल्टीपल एंट्री व एक्ज़िट’’ जैसे सुविधाकी रोल आउट

प्रधानमंत्री मोदी द्वारा किया गया घोषणाओ मे “मल्टीपल एंट्री व एक्ज़िट’’ जैसे सुविधाकी रोल आउट

भविष्य के शिक्षार्थिओ को एक नयी दिशा की और ले जाएगी।

रोलिंग आउट और एक्जिट जैसे विकल्प छात्रों को एक कक्षा और एक कोर्स में रहने के प्रतिबंध से मुक्त करेंगे।

उच्च शिक्षा के क्षेत्र मे इस तरह के सुविधा अब तक प्रतिबंधित हुआ करता था।

इस प्रतिबंध के कारण कई छात्र आपने कोर्स मे एनरोल करने के बाद ;

बाधाए आने पर या फिर दिक्कतों का सामना करने पर भी बाहर नहीं आ पाते थे।

इस के कारण कई शिक्षार्थिओ मे हताशा, मानसिक तनाव डिप्रेशोन जैसे लक्षण दिखते थे।

इस तरह के परिस्थिति के शिकार छात्र के लिए इस पेरिवर्तित व्यवस्था अति लाभकारी सिद्ध होगा,

यह आशा शिक्षा विशेषज्ञ ने जताया है।

 

 

शिक्षा क्षेत्र मे भारत – एन ई पी2020 ! आधुनिक तकनीक आधारित “एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट सिस्टम” शिक्षा क्षेत्र मे क्रांतिकारी बदलाव लाएगा।

राष्ट्रिय शिक्षा नीति 2020 की वर्षपूर्ति! क्या है अकादमिक बैंक ऑफ क्रेडिट (ABC) योजना? क्षेत्रीय भाषा में इंजीनियरिंग शिक्षा होंगे उपलब्ध। 

इसी तरह। आधुनिक तकनीक आधारित “एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट सिस्टम” शिक्षा क्षेत्र मे क्रांतिकारी बदलाव लाएगा।

इससे छात्र में धारा और विषयों को चुनने में,”  आत्मविश्वास बढ़ेगा ।

यह आशा प्रधानमंत्री मोदी ने एन ई पी 2020 के एक वर्षपूर्ति के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में व्यक्त किया।

 

 

वर्षपूर्ति के क्षण पर राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (एन ई पी 2020) के अनेक नए प्रावधान! उपलब्ध होंगे क्षेत्रीय भाषा में इंजीनियरिंग शिक्षा। 

वर्षपूर्ति के क्षण पर राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (एन ई पी 2020) के अनेक नए प्रावधानों में से अति महत्वपूर्ण है

अकादमिक बैंक ऑफ क्रेडिट (Academic Bank of Credit – ABC) की शुरूआत।

ए बी सी प्रकल्प के माध्यम से स्नातक एवं स्नातकोत्तर डिग्री पाठ्यक्रमों मे पठनरत छात्रों को

पाठ्यक्रम से बाहर निकलने एवं निर्धारित समय के भीतर पुनः प्रवेश कर कोर्स सम्पन्न करने की अनुमति देगा।

ए बी सी प्रकल्प अर्थात “एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट्स” के तहत पंजीकृत उच्च शिक्षा संस्थानों द्वारा दिए गए परीक्षा मे

प्राप्त अंक रूपी क्रेडिट्स को  उस निर्धारित कोर्स में किए गए पाठ्यक्रमों के लिए निर्धारित प्रत्येक छात्र के

निजी अकादमिक बैंक खाते में जमा करेगा।

 

ऐसे अकैडमिक क्रेडिट की वैधता शिक्षा आयोग द्वारा बिभिन्न समय पर जारी किए गए मानदंडों व दिशानिर्देशों के

अनुसार होगी।

इस संदर्व मे “विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (उच्च शिक्षा में एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट्स की स्थापना और संचालन)

अधिनियम 2021 का बयान पढ़ें।

जिसके अनुसार, ए बी सी सीधे छात्रों से पाठ्यक्रम क्रेडिट संबंधित किसी भी दस्तावेज को तब स्वीकार करेगा जब,

ऐसे दस्तावेजों को संबंधित एवं पंजीकृत उच्च शिक्षा संस्थान द्वारा क्रेडिट प्रदान किया गया हो।

 

 

शिक्षा क्षेत्र मे भारत – एन ई पी2020अकादमिक बैंक ऑफ क्रेडिट (ABC) के तहत प्रत्येक छात्र को डिजिटल अकादमिक बैंक खाता खोलने की सुविधा। 

क्या है अकादमिक बैंक ऑफ क्रेडिट (ABC) योजना?

राष्ट्रिय शिक्षा नीति 2020 की वर्षपूर्ति! अब से पांच क्षेत्रीय भाषा में इंजीनियरिंग शिक्षा। 

इस अकादमिक बैंक ऑफ क्रेडिट (ABC) के तहत प्रत्येक छात्र को डिजिटल बैंक के रूप में अद्वितीय या

व्यक्तिगत अकादमिक बैंक खाता खोलने की सुविधा मिलेगी।

एवं प्रत्येक खाताधारकों को एक विशिष्ट डिजिटल आ ई डी व मानक संचालन प्रक्रिया (एस ओ पी) तक पहुंच भी

प्रदान की जाएगी।

(Academic Bank of Credit – ABC) ए बी सी विनियम  मिश्रित शिक्षण मोड को एक नया दिशा प्रदान करते हुए

छात्र कों प्रोत्साहन देने के लिए उत्साहित  है ।

 

 

छात्रों को इस योजना के तहत एक ऑनलाइन भंडार के माध्यम से एच ई आई से क्रेडिट अर्जित करने की अनुमति!

इससे सुविधा प्राप्त छात्रों को इस योजना के तहत एक ऑनलाइन भंडार के माध्यम से पंजीकृत

विभिन्न एच ई आई से क्रेडिट अर्जित करने की अनुमति मिलती है।

इस विशेष विनियम के माध्यम से छात्र अपने कॉलेज / विश्वविद्यालय के बाहर से भी 50 प्रतिशत तक

क्रेडिट अर्जित कर सकता है।

यह क्रेडिट, जहां पर भी इस डिग्री / डिप्लोमा को एबीसी कार्यक्रम के लिए नामांकित किया गया है वही से मिलेगी।

इसके ब्यातिरिक्त शिक्षा संदर्भिय अन्य अनेक राष्ट्रीय योजनाओं जैसे –

स्वयं (SAYAM), एन पी टी ई एल (NPTEL), वी-लैब (B-LAB) इत्यादि,

अथवा किसी निर्दिष्ट विश्वविद्यालय के ऑनलाइन मोड के माध्यम से

छात्रों द्वारा किए गए पाठ्यक्रमों को भी क्रेडिट हस्तांतरण और क्रेडिट संचय के लिए मान्यता दिया जाएगा।

व्यावसायिक डिग्री एवं डिप्लोमा एवं स्नातकोत्तर डिप्लोमा व प्रमाणपत्र कार्यक्रमों की संचालन करने वाले पंजीकृत

उच्च शिक्षा संस्थानों से कौशल-पाठ्यक्रमों के माध्यम से छात्रों द्वारा प्राप्त क्रेडिट भी

इस ए बी सी अर्थात अकादमिक बैंक ऑफ क्रेडिट्स के जरिये क्रेडिट के प्रोद्भवन और मोचन के लिए पात्र होगा ।

 

 

क्षेत्रीय भाषा में इंजीनियरिंग शिक्षा ! एन ई पी2020 (NEP2020) द्वारा शिक्षा के माध्यम के रूप में मातृभाषा पर जोर। 

राष्ट्रिय शिक्षा नीति 2020 की वर्षपूर्ति! अब से पांच क्षेत्रीय भाषाओं में इंजीनियरिंग की शिक्षा।

केन्द्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने कहा की- कई योजनाओं से एन ई पी2020 (NEP2020) द्वारा

निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद मिलेगी।

जैसे के, इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम का 11 भाषाओं में अनुवाद करने के लिए विकसित किया गया है।

शिक्षा के माध्यम के रूप में मातृभाषा पर जोर देने से गरीब, ग्रामीण और आदिवासी छात्रों में

एक नया आत्मविश्वास पैदा होगा।

अंत मे प्रधान मंत्री मोदी ने यह भी कहा कि आठ राज्यों में 14 इंजीनियरिंग कॉलेज

हिंदी, तमिल, तेलुगु, मराठी और बंगाली सहित क्षेत्रीय भाषाओं में डिग्री प्रदान करना शुरू कर देंगे।

भारतीय क्षेत्रीय भाषाओं में शिक्षा मंत्रालय का एक प्रमुख एजेंडा रहा है क्षेत्रीय भाषा में इंजीनियरिंग शिक्षा ।

कियुंकी, इंजीन्यरिंग के माध्यम से ही देश प्रगति की और बढ़ा कदम रख सकता है ।

शुरूआत में शिक्षा मंत्रालय राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (एन आई टी एस) और

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (आई टी एस) के माध्यम से ऐसा करने पर जोर दे रहा था,

लेकिन यह कदम 2020 या 2021 में नहीं चल सका।

शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के अनुसार, कई योजनाओं को शुरू करने से एन ई पी द्वारा निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त करने में

मदद मिलेगी और स्कूल और उच्चतर शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा।

ऐसे माना जा रहा है की क्षेत्रीय भाषा में इंजीनियरिंग शिक्षा का लाभ मिलने पर एंजिनीयर्स की सार्विक गुणवत्ता मे बृद्धि अवश्य होगी।

 

प्रधान मंत्री द्वारा शुरू की गई अन्य पहलों में अति महत्वपूर्ण है छोटे बच्चो के लिए “विद्या प्रवेश”। 

एन ई पी2020 की वर्षपूर्ति पर शिक्षा योजना!

प्रधान मंत्री द्वारा शुरू की गई अन्य पहलों में अति महत्वपूर्ण है;

छोटे बच्चो के लिए परिकल्पित “विद्या प्रवेश” !

यह सुविधा ग्रेड 1 के छात्रों के लिए तीन महीने का खेल-कूद पर आधारित स्कूल तैयारी की मॉड्यूल पर केन्द्रित है।

माध्यमिक स्तर पर एक विषय के रूप में भारतीय सांकेतिक भाषा और NCERT द्वारा डिजाइन किया गया

एक “एकीकृत शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम” ( NISHTHA 20) “ भी शामिल है।

“सफल” “(SAFAL – सीखने के स्तर के विश्लेषण के लिए संरचित मूल्यांकन) – सी बी एस ई स्कूलों में

ग्रेड 3, 5 और 8 के लिए एक योग्यता आधारित मूल्यांकन ढांचा, और कृत्रिम बुद्धि को समर्पित एक वेबसाइट।

 

 

नयी राष्ट्रिय शिक्षा नीति 2020 (NEP 2020)  की एक वर्षपूर्ति – सामान्य आत्मनिरीक्षण।

 

राष्ट्रिय शिक्षा नीति 2020 (NEP 2020) की एक वर्षपूर्ति के अवसर पर कुछ सामान्य आत्मनिरीक्षण की

आवश्यकता है। कारण इस नीति के चलते भारत की भविष्य बहुलांश मे निर्भरशील है।

29 जुलाई, 2020 को, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP2020) को शिक्षा सुधार में

एक नया अध्याय के रूप में शामिल करने की मंजूरी दी।

1835 के अंग्रेजी शिक्षा अधिनियम के बाद से, भारत ने शिक्षा सुधारों पर शुरुआती करीव 20 रिपोर्टें देखी हैं।

जिनमें से स्वाधीनता के बाद के दो अधिनियम है सन 1968 व 1884 की।

इन सभी शिक्षा नीतियों मे एन ई पी २०२० विशेष है,

क्योंकि यह शिक्षा छेत्र मे अब तक चले आ रहे ठहरे हुए मानसिक दृष्टिकोण को दूर करती है।

 

राष्ट्रिय शिक्षा नीति 2020 की अधिनियम; भारतीय शिक्षा प्रणाली की पूर्ण परिवर्तन का कल्पना करती है।

 

इस राष्ट्रिय शिक्षा नीति 2020 की अधिनियम; भारतीय शिक्षा प्रणाली की पूर्ण परिवर्तन का कल्पना करती है।

यह नयी शिक्षा नीति सन 2040 तक भारत को वैश्विक ज्ञान केंद्र बनाने के उद्देश्य से शिक्षा क्षेत्र के लिए एक

व्यापक रूपरेखा का प्रस्ताव करता है।

NEP2020 की मुख्य विशेषता यह है कि;

यह शिक्षा, मानवीय विकास और आर्थिक विकास के बीच मजबूत संबंध को पहचानता है!

और, 21वीं सदी के लिए आवश्यक क्षमता निर्माण पर जोर देता है।

यह आश्चर्य की बात भी नहीं है; क्योंकि नीति तब लागू हुई है जब भारत ने जनसांख्यिकीय विभाजन की अवधि में

प्रवेश किया है, जो कि 2055 तक चलेगा।

ऐसी अवधियों को तेजी से आर्थिक विकास द्वारा चिह्नित किया जाता है,

जैसा कि जापान, चीन, दक्षिण कोरिया और सिंगापुर द्वारा अनुभव किया गया था।

इसके नतीजतन, नीति कौशल विकास, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, रोजगार योग्यता, उद्यमिता,

विघटनकारी प्रौद्योगिकियों के विकास और वैश्विक बेंचमार्क के लिए एक मजबूत दिशा निर्देश प्रस्तुत करता है।

 

 

नया शिक्षा नीति में एक विकसित राष्ट्र की बड़ी तस्वीर में सुधारों की कई परतें समाहित है। 

यह नया शिक्षा नीति में एक विकसित राष्ट्र की बड़ी तस्वीर में सुधारों की कई परतें हैं,

शिक्षा प्रणाली में व्यावसायिक शिक्षा का एकीकरण और कम से कम 50% शिक्षार्थियों को

व्यावसायिक शिक्षा देने की मांग करना एक महत्वपूर्ण हस्तक्षेप है।

नीति व्यावसायिक प्रशिक्षण में भारतीय कला और शिल्प के महत्व को भी स्वीकार करती है।

यह समावेश स्वदेशी कौशल के संरक्षण और स्थानीय उद्यमी प्रणाली को विकास के लिए

अवयशक अवसर प्रदान करता है।

विघटनकारी प्रौद्योगिकियों में अनुसंधान शुरू करने और विस्तार करने के लिए राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन की स्थापना

एक अति महत्वपूर्ण दृष्टिकोण है।

कुशल स्नातकों, तकनीशियनों, अनुसंधानकारी, बाजार आधारित व्यक्ति व संस्थानो का विस्तार से जुड़ी तकनीकी एवं

कृषि क्षेत्रीय तांत्रिक पार्कों के माध्यम से कृषि विषयक शिक्षा को फिर से लागू करना एक महत्वपूर्ण कदम है।

इसी प्रणाली के माध्यम से भारत की राष्ट्रिय उत्पादन आंकरो (GDP) मे कृषि उत्पादनों को भी

आने वाले समय पर विशेष योगदान करने का अवसर प्राप्त होगा।

सकल घरेलू उत्पाद में कृषि के योगदान को बढ़ाने के लिए आगे का रास्ता नीति में वर्णित है ।

कृषि क्षेत्र की अन्य परतों जैसे कि उद्योग और अनुसंधान संगठनों के साथ इंटर्नशिप,

अधिक से अधिक उद्योग-अकादमिक संपर्क कौशल प्रयोगशालाओं,

ऊष्मायन और तकनीकी विज्ञान विकास केंद्रों के बारे में भी इस शिक्षा नीति मे विशेष बातें की गई है।

 

 

छात्रों को वास्तविक दुनिया से जोड़ने के लिए कौशल के साथ उन्हें सशक्त बनाने की भी आवश्यकता।

यहाँ पर ये भी उल्लेखनीय है की पिछले दो दशकों से अधिक समय से, सत्ता मे बैठे हुए बिभिन्न राजनैतिक दलो ने

इस बदलाव के बारे मे बाते तो की है, परंतु अब तक कोई भी दर्शनीय परिणाम दिखने को नहीं मिले हैं।

अब शिक्षा क्षेत्र के लिए इन प्रयासों में उद्देश्यपूर्ण ढंग से शामिल होने का समय आ गया है।

अर्थशास्त्र मे 2018 नोबेल पुरस्कार विजेता पॉल रोमर ने कहा था –

 

“बुनियादी स्तर पर एक आदर्श अर्थव्यवस्था तब विकसित होती है,

जब लोग उपलब्ध संसाधन की सम्पूर्ण स्ंग्यान लेते हैं,

और उन्हें सुचारु रूप से एवं वास्तवता के आधार पर पुनर्व्यवस्थित करते हैं

जो उन्हें अधिक मूल्यवान बनाता है।”

 

हमें अपने छात्रों को वास्तविक दुनिया से जोड़ने और उपलब्ध संसाधनों को पुनर्व्यवस्थित करने के लिए

कौशल के साथ उन्हें सशक्त बनाने की भी आवश्यकता है।

 

इस तरह की बहुर्मुखी व्यवस्था की सफलता का एक ही सूत्र है! –

जिसमें सम्पूर्ण पर्यावरण, मानविकी और कला जैसे सामाजिक पहलुओं के बारे में जानकारी लेना शामिल है,

साथ ही साथ जहां तक ​​संभव हो व्यक्तिगत आवश्यकताओं के सठिक मूल्यायन भी आवशयक है।

नीति गुणवत्ता बेंचमार्क एवं विषयों के रचनात्मक संयोजन के साथ कल्पनाशील और

लचीली पाठ्यचर्या इस तरह की समयपोजोगी संरचना की वकालत करती है।

 

 

नयी राष्ट्रिय शिक्षा नीति 2020 मे निरंतर मूल्यायन व वास्तविक गुणवत्ता निर्माण की और कदम। 

नयी राष्ट्रिय शिक्षा नीति 2020 मे केवल मात्र परंपरागत उच्चतर शिक्षा मे सफलता प्राप्ति नहीं, वल्कि;

उससे हाठ्कर शिक्षार्थिओ की निरंतर मूल्यायन व वास्तविक गुणवत्ता निर्माण की और

कदम बढ़ाना युगांतकारी निर्णय है।

ये सुधार महत्वपूर्ण हैं; और इन्हें जल्द से जल्द लागू किए जाने पर

शिक्षा क्षेत्र मे जमे हुए छत्रक की सफाई सफल हो सकता है।

आज तक चलने वाली हमारी राष्ट्रिय शिक्षा प्रणाली की अति कठोरता, विभाजित संरचना और मानसिक सोच ने

पिछले कई दशकों से भारत की छात्रों को सीखने के परिणामों मे भारी नुकसान पहुंचाया है,

अल्बर्ट आइंस्टीन ने कहा था!-

 

“हर एक शिक्षार्थी प्रतिभाशाली है।

लेकिन, यदि आप एक मछली को उसके पेड़ पर चढ़ने की क्षमता से आंकते हैं,

तो वह अपना पूरा जीवन यह मानकर गुजारेगी कि वह मूर्ख है”।

 

राष्ट्रिय शिक्षा नीति (NEP2020) मे भविष्य मुखी इरादो को साकार करने हेतु तेज-तर्रार कार्य योजना का प्रस्तबना!

भारत की राष्ट्रिय शिक्षा नीति -समाज विकास संवाद

राष्ट्रिय शिक्षा नीति (NEP2020) ने इन भविष्य मुखी इरादो को साकार करने के लिए एक

तेज-तर्रार कार्य योजना कों प्रस्तबना किया है ।

ये तो अब समय का मांग है की, किसी भी नीति के शुरू होने के बाद से एक वर्ष में उसके

परिणामों का आकलन अवश्य किया जाए।

यहाँ पर उच्च शिक्षा के क्षेत्र में प्राप्त प्रगति को केस स्टडी के रूप मे लिया गया है।

इस संदर्भ में, यहाँ पर आई आई टी-बॉम्बे (IIT-MUMBAI) द्वारा इंजीनियरिंग कार्यक्रमों के

पाठ्यक्रम संरचना व पुनर्गठन के प्रयासों का उल्लेखनीय है।

 

क्या है अकादमिक बैंक ऑफ क्रेडिट (ABC) योजना?
प्रस्ताबित शिक्षा की सुधार चार स्तंभों पर आधारित है। 

इस प्रस्ताबित शिक्षा की सुधार चार स्तंभों पर आधारित है!

शिक्षा नीति में विकसित होने जा रहे बड़ी तस्वीर में सुधारों की कई परतें हैं।

जिसमे अस्थायी प्रासंगिकता के साथ इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम के साथ प्रत्येक छात्रों को

अपनी अपनी करियर पथ चुनने एवं सशक्त बनाने के लिए नियोजित वैकल्पिक पाठ्यक्रम सामील है,

तथा; सामाजिक आवश्यकताओं की बेहतर समझ के लिए मानविकी, कला, अर्थशास्त्र, प्रबंधन, उद्यमिता और

डिजाइन में पाठ्यक्रम भी उपलब्ध है।

एक दिशा मे वैश्विक, सामाजिक जरूरतें, और भारतीय संदर्भ पर जोर देने के साथ वैश्विक बेंचमार्किंग का प्रावधान है!

यही पर नियोजित पाठ्यक्रमों में विश्लेषण और संश्लेषण का मिश्रण भी सम्मिलित है।

इसी के साथ छात्रो कों सीखने के परिणाम का मूल्यांकन, अंतिम उत्पाद के आधार पर डिजाइन,

उत्पादन की आवंटन जैसे वैश्विक ब्यापार आधारित प्रशिक्षण दिये जनेका भी भरपूर प्रावधान है।

इसी संदर्भ मे टर्म परीक्षा। की भी उल्लेख किया जा सकता है।

आई आई टी दिल्ली (IIT-DELHI) संचालित के ग्रासरूट इनोवेशन प्रोग्राम जैसे कार्यक्रम का भी

उल्लेख किया जाना अवयाशयक है,

इस तरह की कार्यक्रम का उद्देश्य प्रचलित सामाजिक समस्याओं के लिए नए नए समाधान खोजने पर

छात्रों की परियोजनाओं पर आधारित है।

 

राष्ट्रिय शिक्षा नीति -समाज विकास संवाद

साइबर सुरक्षा में अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी के लिए IIT कानपुर द्वारा प्रौद्योगिकी नवाचार केंद्र की शुरुआत!

 

साइबर सुरक्षा में अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी के लिए IIT कानपुर ने प्रौद्योगिकी नवाचार केंद्र शुरू किया है।

यहाँ पर उल्लेखनीय है की हाल ही में, विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग एवं जीई इंडिया ने मिलकर ऊर्जा क्षेत्र,

जन स्वास्थ्य देखभाल व राष्ट्रिय विमानन के क्षेत्रों में उन्नत प्रौद्योगिकी अनुसंधान के लिए

एक सहयोग की शुरुआत किया है।

इस तरह की पहल भारत की अकादमिक संस्थानों, हमारी राष्ट्रीय प्रयोगशालाओं एवं उद्योग के बीच

अवयशयक तालमेल का निर्माण करेगी।

आई एफ टी एस और एस ई द्वारा निर्देशित एन पी टी ई एल कार्यक्रम मे अब 500 से अधिक

ऑनलाइन पाठ्यक्रम उपलब्ध है।

हाल ही में इस पाठ्यक्रम के भीतर विद्युत वाहन व नवीकरणीय ऊर्जा, एल ओ टी एवं व्यापार व सतत विकास जैसे

क्षेत्र  की भी शामिल किया गया हैं।

 

राष्ट्रिय शिक्षा नीति -समाज विकास संवाद

शिक्षा क्षेत्र मे भारत – एन ई पी2020 ! भारत की आई आई टी (IIT) प्रणाली NEP2020 में उल्लिखित दिशा में तेजी से आगे बढ़ रही है!

 

भारत की आई आई टी (IIT) प्रणाली NEP2020 में उल्लिखित दिशा में तेजी से आगे बढ़ रही है,

जबकी विश्वविद्यालय प्रणाली में परिवर्तन की गति अब तक धीमी रफ्तार मे है।

नीतिगत सिफारिशें विश्वविद्यालय प्रणाली को आपसी संबन्धित करने के बजाय

एकात्मक उच्च शिक्षा प्रणाली के लिए सबसे ज्यादा कारगर हैं।

इसी के नतीजतन, नीति स्वतंत्र बहुविषयक संस्थानों और डिग्री प्रदान करने वाले कॉलेजों को तैयार करने के लिए

चरणबद्ध तरीके से प्रचलित आपसी संबद्धता संरचना को समाप्त करने की वकालत करती है।

विश्वविद्यालयों की प्रचलित पद्धती कों बदलने  के लिए एक कठिन संक्रमण हो सकता है।

 

राष्ट्रिय शिक्षा नीति -समाज विकास संवाद

राष्ट्रिय शिक्षा नीति 2020 की सफलता विश्वविद्यालयों की सकारात्मक संक्रमण के ऊपर आधारित है।

अब से पांच क्षेत्रीय भाषाओं में इंजीनियरिंग की शिक्षा।

राष्ट्रिय शिक्षा नीति 2020 की सफलता बहुलांश मे विश्वविद्यालयों की सकारात्मक संक्रमण के ऊपर निर्भरशील है।

यहाँ पर एक कठिन वास्तव का सामना NEP2020 कों करना परेगा।

भारत की ज़्यादातर डिग्री प्रदान करने वाली विश्वविद्यालयों मे नथिभुक्त कॉलेजों मे से केवल मात्र 10% प्रतिशत से भी कम कॉलेज प्रथम श्रेणी अर्थात ग्रेड 1 पर है।

जबकि इन मे से केवल 30 प्रतिशत कॉलेज ही एन ए ए सी (NAAC) द्वारा मान्यता प्राप्त है।

इसी कठिनाई कों देखते हुए शुरुआत मे केवल मात्र ग्रेड कॉलेजों को स्वायत्तता दी जा सकती है और;

आगे बहुविषयक एकात्मक संस्थानों के रूप में विकसित किया जा सकता है।

विश्वविद्यालयो के लिए ये एक बहुत ही बड़ी दिक्कत है।

राष्ट्रिय शिक्षा नीति की ज़्यादातर सफ़लताए इसी संक्रमण के ऊपर निर्भरशील है।

कियुंकी राष्ट्रिय शिक्षा नीति की ज़्यादातर सफ़लताए इसी संक्रमण के ऊपर निर्भरशील है।

यह भी माना जाना चाहिए कि NEP2020 का कार्यान्वयन तकनीकी और

व्यावसायिक संस्थानों के लिए काफी स्पष्ट है।

भारत में, विभिन्न स्नातक स्तर की पाठ्यक्रमों में छात्रों का नामांकन अनुपातहीन रूप से अधिक है।

उदाहरण के तौर पर अकाडेमिक वर्ष 2019-20 में करीब 202 लाख छात्र स्नातक डिग्री कों प्राप्त किए थे।

ऐसी डिग्रियों को कौशल शिक्षा के दायरे में लाने के लिए बड़ी संख्या में कौशल आधारित और

नौकरी के लिए तैयार पाठ्यक्रमों की आवश्यकता होगी। NEP2020 में सूचीबद्ध

कुछ प्रासंगिक कौशल पाठ्यक्रम अनुवाद, व्याख्या और कला और संग्रहालय प्रशासन में कार्यक्रम हैं।

सामाजिक आर्थिक विकास में छात्रों के एक बड़े वर्ग को एकीकृत करने के लिए इस टोकरी को

कई गुना विस्तारित करने की आवश्यकता है।

 

राष्ट्रिय शिक्षा नीति -समाज विकास संवाद

शिक्षा की क्षेत्र मे भारत की नीति समूहिक प्रगति के लिए अति महत्वपूर्ण है।

वर्तमान मे शिक्षा की क्षेत्र मे भारत की नीति समूहिक प्रगति के लिए अति महत्वपूर्ण है।

शिक्षा क्षेत्र मे भारत – एन ई पी2020 द्वारा निर्देशित युगांतकारी परिवर्तन मूल सिद्धांतों, शिक्षण और

सीखने के संबंध में आदर्शों और लक्ष्यों पर निर्भर करता है।

मौजूदा केन्द्रीय सरकार ने इन सिद्धांतों को पूर्णरूप से व्यावहारिक बनाने मे प्रतिबद्ध है,

अब भारत के शिक्षा समुदाय जिसमे प्राथमिक स्कूल से लेकर माध्यमिक, उच्च माध्यमिक विद्यालय,

उच्चतर शिक्षा के लिए सभी विश्वविद्यालय के संचालक मंडली, शिक्षक समुदाय, संदर्भिय शिक्षा आयोग,

शिक्षा छेत्र मे कार्यरत सभी तालुका, जिल्लाह, नगरपालिका, राज्य व केन्द्रीय स्तर के अधिकारी सहित

प्रत्येक भारतीय छात्र पर इस नया युगांतकारी सिद्धांत का सफलता निर्भरित है।

इसके अलावा भारत की प्रगति कितनी रफ्तार से आगे बढ़ेगी; ये निर्भर करता है उन शिक्षा छेत्र मे

प्राइवेट स्कूल व कॉलेज के निवेशक, संचालक व शिक्षा कर्मियों के ऊपर भी।

 

भारत की राष्ट्रिय शिक्षा नीति -समाज विकास संवाद

शिक्षा क्षेत्र मे भारत – एन ई पी2020 ! शिक्षा सभी शिक्षार्थी एवं शिक्षकों के बारे में ही है।

अंत मे, शिक्षा सभी शिक्षार्थी एवं शिक्षकों के बारे में ही है।

इस महत शिक्षा यग्ज्ञ की पूर्णाहुति के लिए प्रमुख आवश्यकता है समान विचारधारा वाले

प्रतिबद्ध शिक्षकों का एक महत्वपूर्ण समूह की।

आज, हमें अपनी शिक्षा प्रणाली में लंबे समय तक चलने वाले परिवर्तनों के लिए इस सीखने एवं

सिखाने वाले समुदाय के भीतर हमारी प्राचीन गुरु शिष्य परंपरा पर आधारित परिवर्तन प्रणाली को

लागू करने की आवश्यकता है। जैसा कि एन ई पी२०२० द्वारा प्रत्याशित है।

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