दो तिहाई बहुमत से जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन बिल, धारा 370 व 35(A) की समाप्ति।

Date:

Share post:

दो तिहाई बहुमत से , जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन बिल, धारा 370 व 35(A) की समाप्ति। 

With a two-thirds majority, the Jammu and Kashmir Reorganization Bill, the abolition of Sections 370 and 35 (A) passed in the Rajya Sabha.

पक्ष में 125, विरोध में 61 वोट। 

समाज विकास संवाद!
नई दिल्ली।

दो तिहाई बहुमत से जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन बिल, धारा 370 व 35(A) की समाप्ति राज्यसभा में पारित, जवाहर लाल नेहरू जो पॉलिसी चालू करके गए वो ही पॉलिसी अभी तक चल रही है, फिर इतनी मौतों का जिम्मेदार कौन है, जम्मू- कश्मीर को लेकर ऐतिहासिक संकल्प।

अनुच्छेद 370 विपक्ष के हंगामे के बीच राज्यसभा में गृहमंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर के लिए सोमवार को ऐतिहासिक बदलाव की पेशकश की।

उन्होंने अनुच्छेद 370 व 35(ए) हटाने की सिफारिश की। इसके अनुसार जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा दिया गया।

लद्दाख भी अलग केंद्र शासित प्रदेश बनेगा। जम्मू कश्मीर पुनर्गठन विधेयक को लोकसभा में मंगलवार को पेश किया जाएगा।

वहीं लोकसभा में सोमवार को ट्रांसजेंडर (अधिकारों का संरक्षण) विधेयक, 2019 पारित कराया गया।

जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन बिल पर राज्यसभा में पास हो गया है। बिल के समर्थन में 125 वोट पड़े, जबकि विरोध में 61 वोट पड़े।

जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन बिल पर राज्यसभा में वोटिंग के दौरान तकनीकी खराबी के चलते मशीन से वोटिंग नहीं हो सकी।

जिसके बाद सदस्यों को पर्ची बांटी गई और सभी सदस्यों ने पर्ची द्वारा वोटिंग की।

जम्मू और कश्मीर आरक्षण (दूसरा संशोधन) विधेयक, 2019, राज्यसभा में ध्वनी मत से पारित किया गया।

यह विधेयक जम्मू और कश्मीर में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) को 10 प्रतिशत आरक्षण देगा।

अमित शाह ने कहा कि हम घाटी के युवाओं को गले लगाना चाहते हैं, उनको अच्छी शिक्षा और अच्छा भविष्य,

अच्छी स्वास्थ्य की सुविधाएं और रोजगार देना चाहते हैं।

 

कश्मीर में विकास हो इसके लिए आर्टिकल 370 को निकालना जरूरी है।

भारत के अंदर जिस प्रकार से विकास हुआ है उसी तरह से कश्मीर में विकास हो इसके लिए आर्टिकल 370 को निकालना जरूरी है।

जो लोग कश्मीर के युवाओं को उकसाते हैं उनके बेटे-बेटियां लंदन, अमेरिका में पढ़ाई करते हैं।

उनको चिंता नहीं है क्योंकि उन्होंने तो सब अच्छे से कर लिया। मगर घाटी के युवा को आज भी अनपढ़ रखने, उनका विकास न करने के लिए आर्टिकल 370 बहुत बढ़ी बाधक है।

उन्होंने कहा कि 370 के कारण आज तक 41,894 लोग जम्मू कश्मीर में किस की पॉलिसी के कारण मारे गए ?

 

बहुमत से जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन बिल! जवाहर लाल नेहरू जो पॉलिसी चालू करके गए वो ही पॉलिसी अभी तक चल रही है, फिर इतनी मौतों का जिम्मेदार कौन है?

अमित शाह ने कहा कि हुर्रियत, आईएसआई, घुसपैठिए इन सब लोगों ने कश्मीर के युवाओं को गुमराह किया है।

1990 से लेकर 2018 तक 41,894 लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा है। आतंकवाद जन्मा, बढ़ा, पनपा और चरम सीमा पर पहुंचा,

इसका कारण आर्टिकल 370 है। जवाहरलाल नेहरू जी ने भी कहा था कि 370 घिसते-घिसते घीस जाएगी, मगर 370 को इतना जतन से संभालकर रखा, 70 साल हो गए, लेकिन घिसी नहीं।

370 के कारण जम्मू-कश्मीर में देश का कोई बड़ा डॉक्टर नहीं जाना चाहता, क्योंकि वहां वो अपना घर नहीं खरीद सकता,

वहां का मतदाता नहीं बन सकता और वहां खुद को सुरक्षित नहीं महसूस करता। 370 आरोग्य में भी बाधक है।

आर्टिकल 370 के कारण जम्मू और कश्मीर में पर्यटन व्यवसाय से जुड़ी बड़ी कंपनियां नहीं जा सकती।

ये कंपनियां वहां गई तो वहां के लोगों को रोजगार मिलेगा। बड़ी कंपनियां वहां गईं तो पर्यटन बढ़ेगा, लेकिन 370 के कारण ये संभव नहीं है।

 

आर्टिकल 370 और 35(ए) हटाने से घाटी का, जम्मू का, लद्दाख का भला होने वाला है। 

आर्टिकल 370 और 35(ए) हटाने से घाटी का, जम्मू का, लद्दाख का भला होने वाला है।

हम तो राष्ट्र हित का बिल लेकर आएं हैं। आर्टिकल 370 और 35(ए) हटने के बाद जम्मू और कश्मीर भारत का अभिन्न अंग बनने वाला है।

आपने इंदिरा जी को इलाहाबाद के जजमेंट से बचाने का संवैधानिक सुधार उसी दिन लाकर,

उसी दिन पारित करके देश की डेमोके्रसी को खत्म किया था और आज हमें उपदेश देते हैं।

भारत सरकार ने हजारों करोड़ रुपए जम्मू और कश्मीर के लिए भेजे, लेकिन वो भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गए,

370 का उपयोग करके वहां भ्रष्टाचार को कंट्रोल करने वाले कानून लागू नहीं होने दिए गए।

 

बहुमत से जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन बिल! जम्मू-कश्मीर के विकास में बाधक भी आर्टिकल 370 है।

शिक्षा के लिए यहां के बच्चों को देशभर के शिक्षा संस्थानों पर जाना पड़ता है इसका भी कारण 370 है।

राष्ट्रपति शासन के बाद वहां चुनाव हुए और आज 40 हजार पंच-सरपंच वहां के विकास में योगदान दे रहे हैं।

40 हजार पंच-सरपंच का अधिकार 70 साल तक जम्मू-कश्मीर के लोगों से ले लिया। इसका जिम्मेदार है अनुच्छेद 370 था।

आर्टिकल 370 के कारण जम्मू-कश्मीर में कभी भी लोकतंत्र प्रफुल्लित नहीं हुआ। आर्टिकल 370 और 35(ए) के कारण भ्रष्टाचार फला-फूला,

पनपा और चरम सीमा पर पहुंचा। आर्टिकल 370 और 35(ए) के कारण ही गरीबी घर कर गई।

आर्टिकल 370 अस्थाई था और इसे कभी न कभी हटना था, लेकिन पिछली सरकारों ने वोट बैंक के लिए इसे हटाने की हिम्मत नहीं की।

कैबिनेट ने आज हिम्मत दिखाकर और जम्मू-कश्मीर के लोगों के हित के लिए यह फैसला लिया है।

 

जम्मू- कश्मीर को लेकर ऐतिहासिक संकल्प। 

मैं आज सदन के सामने जम्मू-कश्मीर को लेकर ऐतिहासिक संकल्प और बिल लेकर उपस्थित हुआ हूं।

मैं सदन के सामने स्पष्ट करना चाहता हूं कि जम्मू-कश्मीर में एक लंबे रक्तपात भरे युग का अंत अनुच्छेद 370 हटने के बाद होने जा रहा है।

हम धर्म की राजनीति में विश्वास नहीं करते, वोटबैंक की राजनीति क्या है? कश्मीर में केवल मुसलमान रहते हैं? आप क्या कहना चाहते हैं?

मुस्लिम, हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध सभी वहां रहते हैं। यदि 370 अच्छा है तो यह सभी के लिए अच्छा है,

यदि यह बुरा है तो यह सभी के लिए बुरा है।

 

एक देश में दो संविधान, दो निशान और दो प्रधान चल रहा था

केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि इससे ज्यादा दुर्भाग्य क्या हो सकता है कि अभी तक एक देश में दो संविधान,

दो निशान और दो प्रधान चल रहा था।

इस ऐतिहासिक कदम से देश भर में खुशी का माहौल है क्योंकि 70 सालों से कश्मीरियों के साथ जो अन्याय हो रहा था वह आज जाकर खत्म हुआ है।

सपा के आरजी यादव ने कहा कि यदि आप अनुच्छेद 370 को हटाना चाहते हैं तब आपको केवल वही करना चाहिए,

आपने इसे केंद्रशासित प्रदेश क्यों बना दिया। विश्व का इतिहास गवाह है कि जब भी लोगों को दबाने का प्रयास किया गया असफल रहा।

आपको कम से कम जनता का विश्वास तो हासिल करना चाहिए था।

कश्मीर मामले पर लिए गए इस फैसले को लेकर विपक्ष का हंगामा शुरू हो गया।

पीडीपी के सांसदों ने तो अपने कपड़े फाड़ दिए और तो और संविधान के भी दो टुकड़े कर दिए जिसके बाद सदन में मार्शल को बुलाया गया और उन्हें बाहर किया गया।

 

राज्यसभा में सी पी एम सांसद टीके रंगराजन ने कहा कि यह काला दिन है। 

इसके अलावा राज्यसभा में सीपीएम सांसद टीके रंगराजन ने कहा कि यह काला दिन है।

सरकार ने जम्मू-कश्मीर-लद्दाख के लोगों से सलाह नहीं ली,

विधानसभा भंग कर दी। इस तरह सरकार एक और फिलिस्तीन बना रही है।

वहीं डीएमके अध्यक्ष एमके स्टालिन ने कहा कि जम्मू और कश्मीर के लोगों से मशविरा किए बिना अनुच्छेद 370 को हटा दिया गया है।

लोकतंत्र की हत्या हुई है। कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि एक सीमावर्ती राज्य, जो सांस्कृतिक, भौगोलिक रूप से,

ऐतिहासिक और राजनीतिक रूप से अलग था, अनुच्छेद 370 द्वारा एक साथ बंधे थे।

सत्ता में नशे में और वोट पाने के लिए, भाजपा सरकार ने 3-4 चीजें खत्म कर दीं।

 

जवाहर लाल नेहरू जो पॉलिसी चालू करके गए! धारा ३७० की समाप्ति पर राष्ट्रपति की मंजूरी!

गृहमंत्री ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 370(3) के अंतर्गत जिस दिन से राष्ट्रपति द्वारा इस सरकारी गैजेट को स्वीकार किया जाएगा,

उस दिन से अनुच्छेद 370 (1) के अलावा अनुच्छेद 370 के कोई भी खंड लागू नहीं होंगे।

इसमें सिर्फ एक खंड रहेगा।

इस बदलाव को राष्ट्रपति की ओर से मंजूरी दे दी गई है।

गृहमंत्री ने कहा कि देश के राष्ट्रपति को अनुच्छेद 370(3) के तहत पब्लिक नोटिफिकेशन से अनुच्छेद 370 को सीज करने के अधिकार हैं।

धारा ३७० की समाप्ति पर राष्ट्रपति की मंजूरी !

जम्मू-कश्मीर में अभी राष्ट्रपति शासन है, इसलिए जम्मू-कश्मीर असेंबली के सारे अधिकार संसद में निहित हैं।

राष्ट्रपति जी के आदेश को हम बहुमत से पारित कर सकते हैं।

गृहमंत्री द्वारा जम्मू-कश्मीर के पुनर्गठन का विधेयक पेश किए जाने के बाद राज्यसभा में जोरदार हंगामा शुरू हो गया।

गुलाम नबी आजाद ने कहा कि भाजपा ने लोकतंत्र की हत्या कर दी है।

राज्यसभा में ‘लोकतंत्र की हत्या नहीं चलेगी’ के नारे लगाए गए।

एआइएडीएमके सांसद नवानीथाकृष्णन ने कहाकि अम्मा संप्रभुता व अखंडता के लिए जानी जाती हैं।

इसलिए एआइएडीएमके पार्टी पुनर्गठन व आरक्षण विधेयकों का समर्थन करती है।

बीजद सांसद प्रसन्न आचार्या ने कहा कि हकीकत में आज जम्मू-कश्मीर भारत का हिस्सा बना है।

मेरी पार्टी इसका समर्थन करती है। हम क्षेत्रीय दल हैं, लेकिन हमारे लिए पहले राष्ट्र है।

बसपा सांसद सतीश चंद्र मिश्रा ने कहा कि हमारी पार्टी की ओर से पूरा समर्थन है। हम चाहते हैं कि यह विधेयक पारित हो जाए।

 

हमारी पार्टी किसी तरह का विरोध नहीं दर्ज करा रही है।

जवाहर लाल नेहरू जो पॉलिसी चालू करके गए वो ही पॉलिसी अभी तक लागू है। जम्मू-कश्मीर को लेकर ऐतिहासिक संकल्प।

लद्दाख से भाजपा सांसद जामयांग सेरिंग नामग्याल ने अपना समर्थन देते हुए कहा कि मैं लद्दाख के नागरिकों की ओर से विधेयक का समर्थन करता हूं।

जनता इसे केंद्र शासित क्षेत्र बनाना चाहती है। जो आज हो रहा है।

एआइएडीएमके व शिवसेना की ओर से इसपर अपना समर्थन दिया है।

एमडीएमके नेता वाइको ने राज्य सभा में कहा कि मैं अनुच्छेद 370 का विरोध करता हूं। यह शर्मिंदा होने का दिन है… यह लोकतंत्र की हत्या का दिन है।

जेडीयू के केसी त्यागी ने कहा कि हमारे प्रमुख नीतीश कुमार जेपी नारायण,

राम मनोहर लोहिया व जॉर्ज फर्नांडिस की परंपरा को आगे ले जा रहे हैं।

इसलिए पार्टी विधेयक का समर्थन नहीं करती है। हमारी सोच अलग है। हम नहीं चाहते हैं कि अनुच्छेद 370 हटाया जाए।

इसपर नेशनल कांफ्रेंस के उमर अब्दुल्ला ने विरोध जताते हुए कहा कि इसके खतरनाक और गंभीर परिणाम होंगे।

जम्मू-कश्मीर के लोगों के साथ धोखा हुआ।

शिवसेना के संजय राउत ने कहा कि आज जम्मू-कश्मीर लिया है।

कल बलूचिस्तान, पीओके लेंगे। मुझे विश्वास है देश में प्रधानमंत्री अखंड हिंदुस्तान का सपना पूरा करेंगे।

 

जम्मू-कश्मीर को लेकर ऐतिहासिक संकल्प। बहुमत से जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन बिल! गृहमंत्री अमित शाह जी का बयान!

गृहमंत्री ने कहा कि यह पहली बार नहीं,

कांग्रेस ने भी 1952 और 1962 में इसी तरह अनुच्छेद 370 को संशोधित किया था

इसलिए विरोध के बजाए कृपया मुझे बोलने दें और चर्चा करें,

मैं आपके सभी शंकाओं को दूर करूंगा और सभी तरह के सवालों के जवाब दूंगा।

उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 पर ये विधेयक ऐतिहासिक है।

इसकी वजह से जम्मू-कश्मीर का भारत से जुड़ाव नहीं रहा।

विपक्ष चाहे तो अनुच्छेद 370 को साधारण बहुमत से पारित करा सकते हैं।

उन्होंने आगे कहा कि  अनुच्छेद 370 के तहत तीन परिवारों ने सालों जम्मू-कश्मीर को लूटा।

इसे हटाने में एक सेकेंड की भी देरी नहीं करनी चाहिए। हमें वोट बैंक नहीं बनाना है।

भाजपा के पास राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी नहीं, विपक्ष के लोग बेखौफ होकर चर्चा करें।

गृहमंत्री अमित शाह जी का बयान रोचक रहा!

संविधान फाडऩे की कोशिश
वहीं राज्यसभा चेयरमैन वेंकैया नायडू ने पीडीपी के मिर फयाज और नजीर अहमद को सदन से बाहर जाने को कहा।

दोनों ने संविधान फाडऩे की कोशिश की थी।

 

राज्यसभा में मार्शल बुलाने के आदेश!

इस विधेयक पर विरोध दर्शाते हुए पीडीपी सांसदों ने अपने कपड़े फाड़ दिए। वहीं,

विरोधी दल के सांसद राज्यसभा में जमीन पर बैठ गए।

राज्यसभा अध्यक्ष को सदन में मार्शल बुलाने पड़े। राज्यसभा में मार्शल बुलाने के आदेश देना परा !

सदन की कार्यवाही शुरू होते ही कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने गृहमंत्री के बयान से पहले कश्मीर मुद्दे को उठाया।

उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में युद्ध जैसे हालात हैं, पूर्व मुख्यमंत्रियों को नजरबंद क्यों कर दिया गया है।

इस पर गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि कश्मीर पर किसी भी सवाल का जवाब देने को तैयार हूं।

बता दें कि प्रधानमंत्री कई राज्यों के मुख्यमंत्री से बात करेंगे।

सात अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को संबोधित करेंगे।
इसके साथ ही जम्मू-कश्मीर में ये बदलाव होंगे

जम्मू-कश्मीर व लद्दाख अलग-अलग केंद्र शासित प्रदेश बन जाएगा।

जम्मू-कश्मीर का अलग झंडा नहीं होगा। कश्मीर में अन्य राज्यों से लोग भी जमीन ले सकेंगे।

इसके साथ ही यहां की दोहरी नागरिकता खत्म हो जाएगी।

 

जम्मू-कश्मीर को लेकर ऐतिहासिक संकल्प। कश्मीर मुद्दे पर सांसदों का नोटिस। 

डीएमके सांसद टीआर बालू ने स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया।

आरएसपी नेता एनके प्रेमचंद्रन और सीपीआइएम नेता एएम आरिफ ने लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया है।

लोकसभा में कांग्रेस सांसदों ने बैठक की।

पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के राज्यसभा सांसद नजीर अहमद लावे ने कश्मीर मामले पर जीरो आवर नोटिस दिया।

वहीं राष्ट्रीय जनता दल सांसद मनोज झा ने राज्यसभा में नियम 267 के तहत कार्यवाही निलंबित करने का नोटिस दिया।

कश्मीर के हालात को लेकर विरोध दर्शाने के लिए पीडीपी के राज्यसभा सांसद नजीर अहमद लावे और,

मीर मोहम्मद फयाज हाथों पर काली पट्टी बांधकर संसद पहुंचे।

सीपीआइ सांसद बिनोय विस्वम ने कश्मीर मुद्दे पर

राज्यसभा में नियम 267 के तहत कार्यवाही निरस्त करने का नोटिस दिया है।

एआइएमआइएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव दिया है।

कश्मीर मुद्दे पर राज्यसभा में भी कांग्रेस सांसदों गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा,

अंबिका सोनी और भुवनेश्वर कालिता ने स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया है।

कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी, के सुरेश और मनीष तिवारी ने लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया है।

#समाज_विकास_संवाद, जवाहर लाल नेहरू जो पॉलिसी चालू करके गए वो ही पॉलिसी अभी तक,

जम्मू-कश्मीर को लेकर ऐतिहासिक संकल्प,

Amazing Amazon News, Samaj Vikas Samvad, New India News, Samaj Ka Vikas,

Gadget Samvad, science-technology Samvad, Global Samvad,

समाज, समाज विकास, समाज संवाद, विकास, विकास संवाद, संवाद,

samaj, samaj vikas, samaj samvad, vikas, vikas samvad, samvad,

Amazon Prime Newsव्यापार संवाद, आयुर्वेद संवाद, गैजेट्स संवाद, समाज विकास संवाद

1 COMMENT

Leave a Reply

Related articles

पीएम मोदी ने लॉन्च की अमृत भारत स्टेशन योजना।

पीएम मोदी ने लॉन्च की अमृत भारत स्टेशन योजना

Link Your PAN & AADHAAR card Before 31st March Deadline Set By IT Dept.

Link Your PAN & AADHAAR card Before 31st March Deadline Set By IT Dept.Yes, Its Very Urgent & Important, If you do not link your PAN ( Permanent Account No) with your AADHAAR card before 31st march 2023 deadline set by the Income Tax department of India,Than the respective PAN would be rendered as inactive or inoperative.pan card and Aadhaar linking...

Hindenburg Report May Discipline Adani Group & Prosper It Further.

Hindenburg report may discipline Adani Group and prosper It further.In 2006, A renowned economic affairs expert and a very potent journalist Mr. Swaminathan S. A. Ayer researched and wrote a paper for the Cato Institute on Gujarat's new strategy of port-based development .This strategy was launched by Congress chief minister Chimanbhai Patel in the early 1990s and expanded by BJP's successors.

Jadui Pitara- A Play-Based Learning-Teaching Material Tailored For Children Aged 3-8 Years Launched.

Jadui Pitara - A play-based learning-teaching material tailored for children Aged 3-8 Years Launched By union education minister Shri Dharmendra Pradhan.Learning - Teaching Material for Foundational Stage Jadui-Pitara has been envisaged under National Education Policy 2020 (NEP2020).Jadui Pitara developed under the National Curriculum Framework is available in 13 Indian languages and