देश को जगमगाने के लिए जैतापुर परमाणु ऊर्जा परियोजना तैयार?

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देश को जगमगाने के लिए जैतापुर परमाणु ऊर्जा परियोजना तैयार?

Jaitapur Nuclear Power Project ready to awaken the country?

समाज विकास संवाद!
मुंबई।

देश को जगमगाने के लिए जैतापुर परमाणु ऊर्जा परियोजना तैयार ?

देश को जगमगाने के लिए पिछले सात से लटकी महाराष्‍ट्र के रत्‍नागिरी जिले में प्रस्‍तावित

विश्‍व की सबसे बड़ी 9990 मेगावाट की जैतापुर परमाणु ऊर्जा परियोजना के शुरू होने की

उम्‍मीद बंधी है। शिवसेना और स्‍थानीय जनता के विरोध के कारण यह योजना शुरू से ही

विवादों में घिर गई थी। फ्रांस के विदेश सचिव के नेतृत्‍व में एक प्रतिनिधिमंडल

महाराष्‍ट्र के मुख्‍यमंत्री देवेंद्र फणनवीस से मिला और उनसे परियोजना को शुरू करने का

अनुरोध किया। सीएम ने शिष्‍टमंडल से कहा कि परियोजना को लेकर एक समयबद्ध प्रोग्राम

तय किया जाए तथा इसे लेकर स्‍थानीय जनता के मन में जो शंका हैं, उनका समाधान किया जाए।

 

देश को जगमगाने के लिए जैतापुर! शिवसेना ने इस मसले पर स्‍थानीय जनता का साथ दिया।

वर्ष 2011 में जैतापुर में जमीन संपादन का काम शुरू हुआ था। इसके बाद से वहां के

स्‍थानीय लोगों ने इस परियोजना को लेकर विरोध शुरू कर दिया था। कई बार हिंसक प्रदर्शन भी

हुए और गोली भी चली। शिवसेना ने इस मसले पर स्‍थानीय जनता का साथ दिया।

पहले यहां फ्रांस की कंपनी अरेवा अपना प्रोजेक्‍ट लगाने वाली थी, लेकिन उसने बाद में

अपने कदम पीछे खींच लिए। अब फ्रांस की एक अन्‍य कंपनी ईडीएफ सामने आई है।

जैतापुर परियोजना के संदर्भ में फ्रांस के विदेश सचिव क्रिश्चन मैसे के नेतृत्व में एक

उच्च स्तरीय शिष्टमंडल ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस से वर्षा बंगले पर मुलाकात की।

कंपनी ने मुख्यमंत्री को आश्वासन दिया है कि दिसंबर २०१८ तक परियोजना का काम शुरू होगा।

 

जैतापुर परियोजना को लेकर लोगों के मन में अनेक सवाल और शकाएं हैं!

२०२१ में डोम का काम पूरा हो जाएगा और २०२७ तक परियोजना पूरी हो जाएगी।

९९०० मेगावॉट की इस परियोजना में १६५० मेगावॉट के कुल छह रिएक्टर बनाए जाएंगे।

मुख्यमंत्री ने प्रतिनिधिमंडल से कहा कि जैतापुर परियोजना को लेकर लोगों के मन में अनेक

सवाल और शकाएं हैं। इस योजना के बारे में लोगों की शंकाओं को दूर करने के लिए

स्थानीय लोगों से संवाद कायम किया जाए। इसके अलावा योजना के सुरक्षा संदर्भ को लेकर

क्या उपाय योजना है, इसकी जानकारी दी जाए तथा योजना पूरी होने के बाद बिजली दर के

बारे में स्पष्ट राय रखी जाए।

सरकार भले ही जैतापुर ऊर्जा परियोजना को लेकर आगे बढ़ती दिख रही है,

लेकिन इसे लेकर शिवसेना का विरोध अभी भी कायम है। स्थानीय लोगों में भी परियोजना को

लेकर रोष है। संयंत्र को लेकर कई बार हिंसक प्रदर्शन भी हो चुके हैं। स्‍थानीय लोगों के मन में

आशंका है कि इस परियोजना के शुरू होने से कोंकण किनारे के तकरीबन

सात हजार गांवों के हजारों मछुआरों के लिए रोजी-रोटी का संकट पैदा हो जाएगा।

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