प्रधानमंत्री का कोरोना वायरस महामारी से बचने के लिए आह्वान!

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प्रधानमंत्री का कोरोना वायरस महामारी से बचने के लिए आह्वान!

जनता कर्फ्यू “JANTA CURFEW” का करे पालन!  
Prime Minister’s call to evade the coronavirus epidemic! appeal for Volunteered Public curfew “JANTA CURFEW”!
समाज विकास संवाद!
न्यू दिल्ली,

प्रधानमंत्री का कोरोना वायरस महामारी से बचने के लिए आह्वान! जनता कर्फ्यू “JANTA CURFEW” का करे पालन, संकल्प और संयम, इस वैश्विक महामारी के प्रभावों को कम करने में बहुत बड़ी भूमिका निभाने वाला है, हमें अभी अपना सारा सामर्थ्य कोरोना से बचने में लगाना है।

प्रधानमंत्री मोदी जी ने कोरोना वायरस महामारी से बचने के लिए आह्वान किया जनता कर्फ्यू  “JANTA CURFEW” का

चीन से फैले हुए कोरोना वायरस द्वारा संक्रमित बीमारी सम्पूर्ण विश्व भर में आपना भयंकर तांडव दिखाने के बाद;

अब रुख कर लिया है भारत सहित दक्षिण एशिया के देशों की और!

भारत में अब तक इस कोविद १९ जिबाणु द्वारा संक्रमित बीमार लोगों की संख्या लगभग ढाई सौ (२५०) पहुच चूका है!

अर्थात इस बिमारी ने अब तक भारत में आपने तांडव का भयंकर रूप दिखा नहीं पाया है!

परन्तु; यदि प्रत्येक देश् वासी  आगले हफ्ता से दस दिन तक एकजुट होकर इस बीमारी से खुद को बचने के लिए, एवं

साथ ही साथ इस कोरोना संक्रमण को फैले ने से रोक ने के लिए कठोर नियम , सावधानी व् संयम का पालन नहीं करते है ,

तो फिर , भारत में भी भारत सहित सार्क देशो में इस जानलेवा महामारी आपनी मौत का तांडव दिखा सकता है!

 

संकल्प और संयम! रविवार! 22 मार्च को, सुबह 7 बजे से रात 9 बजे तक, सभी देशवासियों को, जनता-कर्फ्यू का पालन करना है।

इसी लिए प्रधान मंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने भारत एवं प्रतिवेशी देश के अधिवाशियो को सम्बंधित करते हुए

प्रत्येक नागरिक को  एक अत्यंत महत्वपूर्ण व् गंभीर आत्म संयम पालन का आह्वान किया है!

प्रधान मंत्री मोदी जी ने आपने सन्देश में कहा है –

आनेवाले रविवार! अर्थात; 22 मार्च को , सुबह 7 बजे से रात 9 बजे तक, सभी देशवासियों को, जनता-कर्फ्यू का पालन करना है।

जनता-कर्फ्यू ! अर्थात; सभी लोग आपने आपने घर में ही रहे, अत्यंत अव्यशक न हो तो आपने आपने घर से बाहर ना निकले,

घर से वाहर नहीं निकलेंगे तो दुसरे संक्रमित व्यक्ति से डोरिया बनी रहेगी, एवं इस जानलेवा संक्रमण फैलने से रोखा जा सकेगा!

उसी रविवार के दिन साम ५ बाजे सभी देशवासियों से निवेदन है की; शाम ठीक ५ बाजे आपने आपने घर में खरे होकर

इस कठिन बीमारियों से मुकाबला करने वाले डॉक्टर, स्वाश्थ्य कर्मी, पुलिस वाले, सरकारी कर्मचारी सहित वो सभी

सेवा करने वाले व्यक्तियों का तालियों के साथ अभिनन्दन करेंगे!

 

प्रधान मंत्री मोदी जी द्वारा जनता-कर्फ्यू का पालन की आह्वान ! संकल्प और संयम की सम्पूर्ण अंश निम्नलिखित है!

पूरा विश्व इस समय संकट के बहुत बड़े गंभीर दौर से गुजर रहा है।आम तौर पर कभी जब कोई प्राकृतिक संकट आता है

वो कुछ देशों या राज्यों तक ही सीमित रहता है।लेकिन इस बार ये संकट ऐसा है,

जिसने विश्व भर में पूरी मानवजाति को संकट में डाल दिया है।

जब प्रथम विश्व युद्ध हुआ था, जब द्वितीय विश्व युद्ध हुआ था, तब भी इतने देश युद्ध से प्रभावित नहीं हुए थे,जितने आज कोरोना से हैं।

पिछले दो महीने से हम निरंतर दुनिया भर से आ रहीं कोरोना वायरस से जुड़ी चिंताजनक खबरें देख रहे हैं,सुन रहे हैं।

इन दो महीनों में भारत के130 करोड़ नागरिकों ने कोरोना वैश्विक महामारी का डटकर मुकाबला किया है, आवश्यक सावधानियां बरती हैं।

 

संकल्प और संयम! वैश्विक महामारी कोरोना से निश्चिंत हो जाने की ये सोच सही नहीं है।

लेकिन, बीते कुछ दिनों से ऐसा भी लग रहा है जैसे हम संकट से बचे हुए हैं,सब कुछ ठीक है।

वैश्विक महामारी कोरोना से निश्चिंत हो जाने की ये सोच सही नहीं है।

इसलिए, प्रत्येक भारतवासी का सजग रहना,सतर्क रहना बहुत आवश्यक है।

साथियों, आपसे मैंने जब भी, जो भी मांगा है, मुझे कभी देशवासियों ने निराश नहीं किया है।

ये आपके आशीर्वाद की ताकत है कि हमारे प्रयास सफल होते हैं।आज,मैं आप सभी देशवासियों से, आपसे,

कुछ मांगने आया हूं। मुझे आपके आने वाले कुछ सप्ताह चाहिए,आपका आने वाला कुछ समय चाहिए।

साथियों,अभी तक विज्ञान,कोरोना महामारी से बचने के लिए,कोई निश्चित उपाय नहीं सुझा सका है और

न ही इसकी कोई वैक्सीन बन पाई है।ऐसी स्थिति में चिंता बढ़नी बहुत स्वाभाविक है।

 

दुनिया के जिन देशों में कोरोना वायरस का प्रभाव ज्यादा देखा जा रहा है, वहां अध्ययन में एक और बात सामने आई है।

वैश्विक महामारी के प्रभावों ! दुनिया के जिन देशों में कोरोना वायरस का प्रभाव ज्यादा देखा जा रहा है, वहां अध्ययन में एक और बात सामने आई है।

इन देशों में शुरुआती कुछ दिनों के बाद अचानक बीमारी का जैसे विस्फोट हुआ है।

इन देशों में कोरोना से संक्रमित लोगों की संख्या बहुत तेजी से बढ़ी है।

भारत सरकार इस स्थिति पर, कोरोना के फैलाव के इस ट्रैक रिकॉर्ड पर पूरी तरह नजर रखे हुए है।

हालांकि कुछ देश ऐसे हैं जिन्होंने तेजी से फैसले लेकर, अपने यहां के लोगों को ज्यादा से ज्यादा Isolate करके स्थिति को सँभाला है।

भारत जैसे 130 करोड़ की आबादी वाले देश के सामने, विकास के लिए प्रयत्नशील देश के सामने,

कोरोना का ये बढ़ता संकट सामान्य बात नहीं है।

आज जबबड़े-बड़े और विकसित देशों में हम कोरोना महामारी का व्यापक प्रभाव देख रहे हैं,

तो भारत पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा, ये मानना गलत है।

इसलिए, इस वैश्विक महामारी का मुकाबला करने के लिए दो प्रमुख बातों की आवश्यकता है।

पहला- संकल्प और दूसरा- संयम।

 

संकल्प और संयम! वैश्विक महामारी का मुकाबला करने के लिए दो प्रमुख बातों की आवश्यकता ! पहला- संकल्प और दूसरा- संयम।

इस वैश्विक महामारी का मुकाबला करने के लिए दो प्रमुख बातों की आवश्यकता है। पहला- संकल्प और दूसरा- संयम।

आज 130 करोड़ देशवासियों को अपना संकल्प और दृढ़ करना होगा कि हम इस वैश्विक महामारी को रोकने के लिए

एक नागरिक के नाते,अपने कर्तव्य का पालन करेंगे,केंद्र सरकार,राज्य सरकारों के दिशा निर्देशों का पालन करेंगे।

आज हमें ये संकल्प लेना होगा कि हम स्वयं संक्रमित होने से बचेंगे और दूसरों को भी संक्रमित होने से बचाएंगे।

साथियों,इस तरह की वैश्विक महामारी में, एक ही मंत्र काम करता है- “हम स्वस्थ तो जग स्वस्थ”।

ऐसी स्थिति में,जब इस बीमारी की कोई दवा नहीं है,तो हमारा खुद का स्वस्थ बने रहना बहुत आवश्यक है।

इस बीमारी से बचने और खुद के स्वस्थ बने रहने के लिए अनिवार्य है संयम।

और संयम का तरीका क्या है- भीड़ से बचना,घर से बाहर निकलने से बचना।

आजकल जिसे Social Distancing कहा जा रहा है,

कोरोना वैश्विक महामारी के इस दौर में,ये बहुत ज्यादा आवश्यक है।

 

संकल्प और संयम, इस वैश्विक महामारी के प्रभावों को कम करने में बहुत बड़ी भूमिका निभाने वाला है।

हमारा संकल्प और संयम, इस वैश्विक महामारी के प्रभावों को कम करने में बहुत बड़ी भूमिका निभाने वाला है।

और इसलिए,अगर आपको लगता है कि आप ठीक हैं,आपको कुछ नहीं होगा,आप ऐसे ही मार्केट में घूमते रहेंगे,

सड़कों पर जाते रहेंगे, और कोरोना से बचे रहेंगे, तो ये सोच सही नहीं है।

ऐसा करके आप अपने साथ और अपने परिवार के साथ अन्याय करेंगे।इसलिए मेरा सभी देशवासियों से ये आग्रह है कि

आने वाले कुछ सप्ताह तक, जब बहुत जरूरी हो तभी अपने घर से बाहर निकलें।

जितना संभव हो सके,आप अपना काम,चाहे बिजनेस से जुड़ा हो,ऑफिस से जुड़ा हो,अपने घर से ही करें।

जो सरकारी सेवाओं में हैं, अस्पताल से जुड़े हैं,जन-प्रतिनिधि हैं, जो मीडिया कर्मी हैं,इनकी सक्रियता तो आवश्यक है

लेकिन समाज के बाकी सभीलोगों को,खुद को बाकी समाज से Isolate कर लेना चाहिए।

मेरा एक और आग्रह है कि हमारे परिवार में जो भी सीनियर सिटिजन्स हों,65 वर्ष की आयु के ऊपर के व्यक्ति हों,

वो आने वाले कुछ सप्ताह तक घर से बाहर न निकलें।

आज की पीढ़ी इससे बहुत परिचित नहीं होगी,लेकिन पुराने समय में जब युद्ध की स्थिति होती थी,

तो गाँव गाँव  में Black Out किया जाता था। घरों के शीशों पर कागज़ लगाया जाता था, लाईटबंद कर दी जाती थी,

लोग चौकी बनाकर पहरा देते थे |

ये कभी-कभी काफी लंबे समय तक चलता था। युद्ध ना भी हो तो भी बहुत सी

जागरूक नगरपालिकाएं Black Out की ड्रिल भी कराती थी।

 

साथियों, मैं आज प्रत्येक देशवासी से एक और समर्थन मांग रहा हूं। ये है जनता-कर्फ्यू।

साथियों,मैं आज प्रत्येक देशवासी से एक और समर्थन मांग रहा हूं।ये है जनता-कर्फ्यू।

जनता कर्फ्यू यानि जनता के लिए,जनता द्वारा खुद पर लगाया गया कर्फ्यू।

इस रविवार,यानि22 मार्च को, सुबह 7 बजे से रात 9 बजे तक, सभी देशवासियों को,जनता-कर्फ्यू का पालन करना है।

इस दौरान हम न घरों से बाहर निकलेंगे, न सड़क पर जाएंगे, न मोहल्ले में कहीं जाएंगे।

सिर्फ आवश्यक सेवाओं से जुड़े लोग ही 22 मार्च को अपने घरों से बाहर निकलेंगे।

साथियों,22 मार्च को हमारा ये प्रयास, हमारे आत्म-संयम,देशहित में कर्तव्य पालन के संकल्प का एक प्रतीक होगा।

22 मार्च को जनता-कर्फ्यू की सफलता, इसके अनुभव, हमें आने वाली चुनौतियों के लिए भी तैयार करेंगे।

मैं देश की सभी राज्य सरकारों से भी आग्रह करूंगा कि वो जनता-कर्फ्यू का पालन कराने का नेतृत्व करें।

NCC, NSS,से जुड़े युवाओं, देश के हर युवा, सिविल सोसायटी, हर प्रकार के संगठन, इन सभी से भी अनुरोध करूंगा कि

अभी से लेकर अगले दो दिन तक सभी को जनता-कर्फ्यू के बारे में जागरूक करें।

संभव हो तो हर व्यक्ति प्रतिदिन कम से कम10 लोगों को फोन करके कोरोना वायरस से बचाव के उपायों के साथ ही

जनता-कर्फ्यू के बारे में भी बताए।

साथियों,ये जनता कर्फ्यू एक प्रकार से हमारे लिए,भारत के लिए एक कसौटी की तरह होगा।

ये कोरोना जैसी वैश्विक महामारी के खिलाफ लड़ाई के लिए भारत कितना तैयार है, ये देखने और परखने का भी समय है।

आपके इन प्रयासों के बीच, जनता-कर्फ्यू के दिन,22 मार्च को मैं आपसे एक और सहयोग चाहता हूं।

 

कोरोना से बचने में सेवाभावी लोग राष्ट्र-रक्षक की तरह कोरोना महामारी और हमारे बीच में खड़े हैं।

साथियों, पिछले 2 महीनों से लाखों लोग, अस्पतालों में, एयरपोर्ट्स पर, दिन रात काम में जुटे हुए हैं।

चाहेडॉक्टर हों, नर्स हों, हॉस्पिटल का स्टाफ हो, सफाई करने वाले भाई-बहन हों, एयरलाइंस के कर्मचारी हों, सरकारी कर्मचारी हों,

पुलिसकर्मी हों, मीडिया कर्मी हों, रेलवे-बस-ऑटो रिक्शा की सुविधा से जुड़े लोग हों, होम डिलिवरी करने वाले लोग हों, ये लोग, अपनी

परवाह न करते हुए,दूसरों की सेवा में लगे हुए हैं।

आज की परिस्थितियां देखें,तो ये सेवाएं सामान्य नहीं कही जा सकती।आज खुद इनके भी संक्रमित होने का पूरा खतरा है।

बावजूद इसके ये अपना कर्तव्य निभा रहे हैं, दूसरों की सेवा कर रहे हैं।

ये राष्ट्र-रक्षक की तरह कोरोना महामारी और हमारे बीच में खड़े हैं। देश इनका कृतज्ञ है।

मैं चाहता हूं कि 22 मार्च, रविवार के दिन हम ऐसे सभी लोगों को धन्यवाद अर्पित करें।

रविवार को ठीक5 बजे,हम अपने घर के दरवाजे पर खड़े होकर, बाल्कनी में, खिड़कियों केसामने खड़े होकर 5 मिनट तक

ऐसे लोगों का आभार व्यक्त करें।

ताली बजाकर,थाली बजाकर या फिर घंटी बजाकर, हम इनका हौसला बढ़ाएं, सैल्यूट करें।

 

वैश्विक महामारी के प्रभावों ! रूटीन चेक-अप के लिए अस्पताल जाने से जितना बच सकते हैं, उतना बचें।

कोरोना से बचने में पूरे देश के स्थानीय प्रशासन से भी मेरा आग्रह है कि22 मार्च को5 बजे,

सायरन की आवाज से इसकी सूचना लोगों तक पहुंचाएं।

सेवा परमो धर्म के हमारे संस्कारों को मानने वाले ऐसे देशवासियों के लिए हमें पूरी श्रद्धा के साथ अपने भाव व्यक्त करने होंगे।

साथियों, संकट के इस समय में,आपको ये भी ध्यान रखना है कि हमारी आवश्यक सेवाओं पर,

हमारे हॉस्पिटलों पर दबाव भी निरंतर बढ़ रहा है। इसलिए मेरा आपसे आग्रह ये भी है कि

रूटीन चेक-अप के लिए अस्पताल जाने से जितना बच सकते हैं, उतना बचें।

आपको बहुत जरूरी लग रहा हो तो अपनी जान-पहचान वाले डॉक्टर, आपके फैमिली डॉक्टर या अपनी रिश्तेदारी में जो डॉक्टर हों,

उनसे फोन पर ही आवश्यक सलाह ले लें। अगर आपने इलेक्टिव सर्जरी, जो बहुत आवश्यक न हो, ऐसी सर्जरी,

उसकी कोई डेट ले रखी है, तो मेरा आग्रह है कि इसे भी आगे बढ़वा दें,एक महीना बाद की तारीख ले लें।

 

वैश्विक महामारी के प्रभावों ! वित्त मंत्री के नेतृत्व में सरकार ने कोविड-19-Economic Response Task Force के गठन का फैसला लिया है।

साथियों,इस वैश्विक महामारी का अर्थव्यवस्था पर भी व्यापक प्रभाव पड़ रहा है।

कोरोना महामारी से उत्पन्न हो रही आर्थिक चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए, वित्त मंत्री के नेतृत्व में सरकार ने एक

कोविड-19-Economic Response Task Force के गठन का फैसला लिया है।

ये टास्क फोर्स सारे स्टेकहोल्डर्स से नियमित संपर्क में रहते हुए,फीडबैक लेते हुए,

हर स्थिति का आकलन करते हुए निकट भविष्य में फैसले लेगी।

ये टास्क फोर्स,ये भी सुनिश्चित करेगी कि, आर्थिक मुश्किलों को कम करने के लिए जितने भी कदम उठाए जाएं,

उन पर प्रभावी रूप से अमल हो।

निश्चित तौर पर ये महामारी ने देश के मध्यम वर्ग,निम्न मध्यम वर्ग और गरीब के आर्थिक हितों को भी गहरी क्षति पहुंचा रही है।

संकट के इस समय में मेरा देश के व्यापारी जगत,उच्च आय वर्ग से भी आग्रह है कि अगर संभव है तो आपजिन – जिन लोगों से सेवाएं लेते हैं,

उनके आर्थिक हितों का ध्यान रखें।हो सकता है आने वाले कुछ दिनों में, ये लोग दफ्तर न आ पाएं,

आपके घर न आ पाएं।ऐसे में उनका वेतन न काटें, पूरी मानवीयता के साथ, संवेदनशीलता के साथ फैसला लें।

हमेशा याद रखिएगा,उन्हें भी अपना परिवार चलाना है, अपने परिवार को बीमारी से बचाना है।

 

कोरोना से बचने में संकल्प और संयम! मेरा सभी देशवासियों से ये आग्रह है कि आप सामान्य रूप से ही खरीदारी करें। Panic Buying न करें।

मैं देशवासियों को इस बात के लिए भी आश्वस्त करता हूं कि देश में दूध, खाने-पीने का सामान, दवाइयां,

जीवन के लिए ज़रूरी ऐसी आवश्यक चीज़ों की कमी ना हो इसके लिए तमाम कदम उठाए जा रहे हैं।

इसलिए मेरा सभी देशवासियों से ये आग्रह है कि ज़रूरी सामान संग्रह करने की होड़ न लगाएं।

आप सामान्य रूप से ही खरीदारी करें। Panic Buying न करें।

साथियों,पिछले दो महीनों में,130 करोड़ भारतीयों ने,देश के हर नागरिक ने, देश के सामने आए इस संकट को अपना संकट माना है,

भारत के लिए,समाज के लिए उससे जो बन पड़ा है,उसने किया है।

मुझे भरोसा है कि आने वाले समय में भी आप अपने कर्तव्यों का,अपने दायित्वों का इसी तरह निर्वहन करते रहेंगे।

हां, मैं मानता हूं कि ऐसे समय में कुछ कठिनाइयां भी आती हैं, आशंकाओं और अफवाहों का वातावरण भी पैदा होता है।

कई बार एक नागरिक के तौर पर हमारी अपेक्षाएं भी नहीं पूरी हो पातीं।फिर भी, ये संकट इतना बड़ा है कि सारे देशवासियों को इन

दिक्कतों के बीच, दृढ़ संकल्प के साथ इन कठिनाइयों का मुकाबला करना ही होगा।

 

कोरोना वायरस महामारी से बचने के लिए आह्वान! साथियों, हमें अभी अपना सारा सामर्थ्य कोरोना से बचने में लगाना है।

साथियों, हमें अभी अपना सारा सामर्थ्य कोरोना से बचने में लगाना है।

आज देश में केंद्र सरकार हो, राज्य सरकारें हों, स्थानीय निकाय हों, पंचायतें हों, जन-प्रतिनिधि हों या फिर सिविल सोसायटी,

हर कोई अपने-अपने तरीके से इस वैश्विक महामारी से बचने में अपना योगदान दे रहा है।

आपको भी अपना पूरा योगदान देना है।ये आवश्यक है कि वैश्विक महामारी के इस वातावरण में मानव जाति विजयी हो,

भारत विजयी हो।कुछ दिन में नवरात्रि का पर्व आ रहा है।

ये शक्ति उपासना का पर्व है।भारत पूरी शक्ति के साथ आगे बढ़े, यही शुभकामना है।बहुत-बहुत धन्यवाद !!!

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