प्राचीन भारत के मान्यता अनुसार कौन है वो सात महामानव जो हजारों वर्षों से हैं जीवित?

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प्राचीन भारत के मान्यता अनुसार कौन है वो सात महामानव जो हजारों वर्षों से हैं जीवित?

Recognition of ancient India – seven great human beings who have been alive for thousands of years!

समाज विकास संवाद!
न्यू दिल्ली ,

प्राचीन भारत के मान्यता अनुसार कौन है वो सात महामानव जो हजारों वर्षों से हैं जीवित?

भारतीय हिंदू इतिहास, पुराण और प्रमुख ग्रंथो के अनुसार इस दुनिया मैं ऐसे सात व्यक्ति हैं

जो चिरंजीवी हैं। मतलब इन्हे अमरता का वरदान प्राप्त है ये सभी दिव्य और आलोकिक शक्तियों

से पूर्ण संपन्न हैं और ये महामानव या महापुरुष किसी न किसी वचन या शाप से बंधे हुए हैं।

हिन्दू इतिहास के अनुसार योग में जिन अष्ट सिद्धियों की बात कही या लिखी गई है

वे सारी अदभुद शक्तियाँ इनके पास हैं।

यह एक परामनोविज्ञान जैसा है। अगर हम इसे सत्य माने तो ये दुनिया का एक अदभुत आश्चर्य है।

वैसे आपकी जानकारी के लिए हम ये भी बताते चले की विज्ञान इसे नहीं मानता,

परन्तु योग और आयुर्वेद कुछ हद तक इससे सहमत हो सकता है परन्तु जहाँ हजारों वर्षों

की बात हो वहां यह योगाचार्यों और वैज्ञानिको के लिए भी शोध का विषय बन जाता है।

यह बात संसार के सात आश्चर्यों की तरह है।

 

प्राचीन भारत के मान्यता! आइए देखें कि हिंदू धर्म के अनुसार कौन-कौन हैं ये सात जीवित महामानव?

आइए देखें कि हिंदू धर्म के अनुसार कौन-कौन हैं ये सात जीवित महामानव ?

प्राचीन भारत सात महामानव ! राजा बलि :
बलि के दान के चर्चे बहुत दूर-दूर तक थे। राजा बलि सतयुग में भगवान वामन अवतार के समय

हुए थे। देवताओं पर विजय कर बलि ने इंद्रलोक पर अधिकार कर लिया था।

बलि के उस घमंड को चूर करने के लिए भगवान विष्णु ने ब्राह्मण का वेश धारण कर राजा बलि

से तीन पग धरती दान में माँगी। बलि ने कहा कि जहाँ आपकी इच्छा हो तीन पग धरती ले लो।

तब भगवान ने अपना विराट और विशाल देविये रूप धारण कर दो पगों में तीनों लोक नाप लिए

और तीसरा पग बलि के सिर पर रखकर उसे पाताल लोक भेज दिया।

तब से राजा बाली पाताल लोक मैं जीवित है और व्ही राज कर रहा है!

हिंदू धर्म के सात जीवित महामानव -राजा बलि
हिंदू धर्म के सात जीवित महामानव -राजा बलि

 

 

 

 

प्राचीन भारत के मान्यता! हिंदू धर्म के सात जीवित महामानव- परशुराम !

ब्रह्माण्ड के महान ऋषि परशुराम के पिता का नाम जमदग्नि और माता का नाम रेणुका है।

रेणुका ने पाँच पुत्रों को जन्म दिया जिनके नाम वसुमान, वसुषेण, वसु, विश्वावसु तथा राम रखे गए।

राम की घोर तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान सदा शिव ने उन्हें एक देवीय फरसा दिया था।

इसीलिए उनका नाम भगवान परशुराम हो गया। परशुराम विष्णु के छठे अवतार माने जाते हैं।

इनका प्रादुर्भाव वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया को हुआ, इसलिए उक्त तिथि

अक्षय तृतीया कहलाती है। इनका जन्म समय सतयुग और त्रेता काल का संधिकाल माना जाता है।

हिंदू धर्म के सात जीवित महामानव- परशुराम !
हिंदू धर्म के सात जीवित महामानव- परशुराम !

 

 

 

 

प्राचीन भारत के मान्यता! हिंदू धर्म के सात जीवित महामानव-बजरंग बली हनुमान जी !

हनुमान जी को भी अजर-अमर रहने का वरदान मिला था।

भगवान श्री राम के परम भक्त हनुमान हजारों वर्षों बाद महाभारत काल में भी नजर आते हैं।

ऐसा महाभारत में प्रसंग हैं कि जब महा बलशाली भीम ने उनकी पूँछ को मार्ग से हटाने के लिए

कहा तो हनुमानजी ने भीम से उसे खुद ही हटा लेने को कहा लेकिन

अपनी पूरी ताकत लगाकर भी बलशाली भीम उनकी पूँछ नहीं हटा पाए।

हिंदू धर्म के सात जीवित महामानव-बजरंग बली हनुमान
हिंदू धर्म के सात जीवित महामानव-बजरंग बली हनुमान

 

 

 

 

प्राचीन भारत के मान्यता! हिंदू धर्म के सात जीवित महामानव- विभीषण !

रावण के भाई विभीषण ने भगवान राम के नाम की महिमा और ताकत समझकर

अपने भाई के विरु‍द्ध लड़ाई में भगवान राम का साथ दिया और जीवन भर राम-नाम जपते रहे।

उन्हें भी अजर-अमर रहने का वरदान है। भगवान श्रीराम ने उन्हें यह वरदान दिया था।

हिंदू धर्म के सात जीवित महामानव- विभीषण !
हिंदू धर्म के सात जीवित महामानव- विभीषण !

 

 

 

 

प्राचीन भारत के मान्यता! हिंदू धर्म के सात जीवित महामानव- ऋषि व्यास !

ऋषि पराशर एवं सत्यवती के पुत्र तथा पूर्ण महाभारत के रचयिता महान ऋषि व्यास

साँवले रंग के थे। वेदव्यास यमुना के बीच स्थित एक द्वीप में उत्पन्न हुए थे।

अपने साँवले रंग के कारण ये ‘कृष्ण’ तथा जन्म स्थान के कारण ‘द्वैपायन’ कहलाए।

इनकी माता सत्यवती ने बाद में शान्तनु से विवाह किया जिनसे उनके दो अन्य पुत्र भी हुए।

इनमें चित्रांगद युद्ध में मारा गया और छोटा विचित्र वीर्य संतानहीन मर गया।

और कृष्ण द्वैपायन ने धार्मिक तथा वैराग्य का जीवन पसंद किया माता के आग्रह पर

इन्होंने विचित्रवीर्य की दोनों सन्तानहीन रानियों द्वारा नियोग के नियम से दो पुत्र

उत्पन्न किए जो धृतराष्ट्र तथा पाण्डु कहलाए। वैसे इनमें तीसरे विदुर भी थे।

हिंदू धर्म के सात जीवित महामानव- ऋषि व्यास !
हिंदू धर्म के सात जीवित महामानव- ऋषि व्यास !

 

 

 

 

हिंदू धर्म के सात जीवित महामानव- अश्वत्थामा ! प्राचीन भारत – समाज विकास संवाद

महावीर अश्वथामा कौरवो के गुरु द्रोणाचार्य के पुत्र हैं। इनके माथे पर एक अमरमणि है।

इसीलिए वह अमर हैं। महाभारत मैं ब्रह्मास्त्र चलाने के कारण भगवान श्री कृष्ण ने उन्हें

शाप दिया था कि कालांतर तक तुम इस धरती पर जीवित रहोगे।

इसीलिए अश्वत्थामा सात चिरन्जीवियों या अमर लोगो में गिने जाते हैं।

ऐसा माना जाता है कि वे आज भी जीवित हैं कुरुक्षेत्र एवं अन्य तीर्थों में यदा-कदा उनके

दिखाई देने के दावे किए जाते रहे हैं।

मध्य प्रदेश के बुरहानपुर के किले में उनके दिखाई दिए जाने की घटना भी प्रचलित है।

हिंदू धर्म के सात जीवित महामानव- अश्वत्थामा !
हिंदू धर्म के सात जीवित महामानव- अश्वत्थामा !

 

 

 

 

 

 

हिंदू धर्म के सात जीवित महामानव- गुरु कृपाचार्य ! प्राचीन भारत – समाज विकास संवाद

शरद्वान् गौतम के एक प्रसिद्ध पुत्र हुए हैं कृपाचार्य। कृपाचार्य अश्वथामा के मामा तथा

कौरवों के कुलगुरु थे। शिकार खेलते हुए शांतनु को दो शिशु प्राप्त हुए।

उन दोनों का नाम कृपी और कृप रखकर शांतनु ने उनका लालन-पालन किया।

महाभारत युद्ध में कृपाचार्य कौरवों की ओर से सक्रिय थे।

हिंदू धर्म के सात जीवित महामानव- गुरु कृपाचार्य !
हिंदू धर्म के सात जीवित महामानव- गुरु कृपाचार्य !

 

 

 

 

 

 

हिंदू धर्म के सात जीवित महामानव- ऋषि मार्कंडेय!

ये भगवान शिव के बहुत बड़े भक्त थे, इनकी भक्ति से खुश होकर भगवान शिव नें

इन्हें अपनी 12 वर्ष की आयु दे दी थी|

 

सात महामानव हजारों वर्षों जीवित

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